इन्हें तो इस कड़कड़ाती ठंड में श्मशान की लकड़ी का ही सहारा है
|आपको सुनकर भले ही अचरज हो, लेकिन सच है कि जब चिताओं की आग ठंडी हो जाती है तब उसकी बची लकड़ियां गरीबों को गर्माहट देती हैं।
आपको सुनकर भले ही अचरज हो, लेकिन सच है कि जब चिताओं की आग ठंडी हो जाती है तब उसकी बची लकड़ियां गरीबों को गर्माहट देती हैं।