ये कराते हैं स्ट्रे डॉग्स को डिनर
|सुधीर कुमार, ग्रेटर नोएडा : शहरों में जहां स्ट्रे डॉग्स को जहां अपने सेक्टरों से भगाने की मांग लोग अथॉरिटी से करते हैं, वहीं यमुना अथॉरिटी का एक गुमनाम अधिकारी 100 से अधिक स्ट्रे डॉग्स को रोजाना बिस्किट खिलाता और दूध पिलाता है। उक्त अफसर ने इसके लिए छह ठिकाने तय किए हैं। अंधेरा होने के बाद अपने ड्राइवर व नौकर से खाने का सामान डॉग्स के लिए भिजवाता है। यह अधिकारी लोगों से तो अपनी पहचान छिपाकर रखता है लेकिन स्ट्रे डॉग्स उसे देखते ही प्यार दिखाने लगते हैं।
यमुना अथॉरिटी का यह अधिकारी हर रोज शाम 8 बजे के बाद मिहिर भोज पार्क, प्राचीन मां वैष्णो देवी मंदिर समेत 6 ठिकाने पर पहुंचता है। उसके साथ एक वैन होती है जिसमें 25-25 लीटर दूध वाले चार डब्बे रहते हैं। वैन में एक पेटी बिस्किट भी होता है। तय जगह पर पहुंच कर उक्त अफसर स्ट्रे डॉग्स को दूध व बिस्किट खिलाता है। यह सिलसिला कई साल से चल रहा है।
अफसर अपनी पहचान उजागर नहीं करना चाहता, लिहाजा वह अंधेरा होने के बाद ही इस अभियान पर निकलता है। स्ट्रे डॉग्स की सेवा करने वाला अधिकारी अपनी गाड़ी में होता है। अधिकारी के नौकर व ड्राइवर भी किसी को उसकी पहचान नहीं बताते।
जिन 6 ठिकानों पर वैन दूध व बिस्किट लेकर पहुंचती है वहां डॉग पहले से ही इंतजार करते रहते है। गाड़ी पहुंचने पर सभी डॉगी पीछे भागने लगते है। डॉगी पेट भरने के बाद चले जाते है। शहर में एक्सिडेंट से अगर कोई डॉगी घायल हो जाता है या उसे कोई बीमारी हो जाती है तो उसका इलाज भी अधिकारी कराता है।
यमुना अथॉरिटी का यह अधिकारी हर रोज शाम 8 बजे के बाद मिहिर भोज पार्क, प्राचीन मां वैष्णो देवी मंदिर समेत 6 ठिकाने पर पहुंचता है। उसके साथ एक वैन होती है जिसमें 25-25 लीटर दूध वाले चार डब्बे रहते हैं। वैन में एक पेटी बिस्किट भी होता है। तय जगह पर पहुंच कर उक्त अफसर स्ट्रे डॉग्स को दूध व बिस्किट खिलाता है। यह सिलसिला कई साल से चल रहा है।
अफसर अपनी पहचान उजागर नहीं करना चाहता, लिहाजा वह अंधेरा होने के बाद ही इस अभियान पर निकलता है। स्ट्रे डॉग्स की सेवा करने वाला अधिकारी अपनी गाड़ी में होता है। अधिकारी के नौकर व ड्राइवर भी किसी को उसकी पहचान नहीं बताते।
जिन 6 ठिकानों पर वैन दूध व बिस्किट लेकर पहुंचती है वहां डॉग पहले से ही इंतजार करते रहते है। गाड़ी पहुंचने पर सभी डॉगी पीछे भागने लगते है। डॉगी पेट भरने के बाद चले जाते है। शहर में एक्सिडेंट से अगर कोई डॉगी घायल हो जाता है या उसे कोई बीमारी हो जाती है तो उसका इलाज भी अधिकारी कराता है।
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