विधानसभा का ‘बहिष्कार’ करेंगी महिला विधायक
| रामेश्वर दयाल
आम आदमी पार्टी की सत्ता पक्ष की महिला विधायक आज से दिल्ली विधानसभा की कार्यवाही में भाग नहीं लेंगी। महिला विधायकों ने निर्णय लिया है कि जब तक बीजेपी सदस्य के व्यवहार को लेकर आचरण समिति अपनी रिपोर्ट नहीं दे देती, तब तक वह शीतकालीन सेशन का ‘बहिष्कार’ करेंगी। सुबह सरकार की ओर से उन्हें मनाने के प्रयास चल रहे थे। दूसरी ओर विपक्ष का कहना है कि जिस तरह से दिल्ली विधानसभा चल रही है, ऐसी उन्होंने कभी चलती नहीं देखी। विपक्ष आज सदन में सरकार के खिलाफ काम रोको प्रस्ताव ला रहा है।
विपक्षी पार्टी बीजेपी के सदस्य ओपी शर्मा पर आरोप है कि उन्होंने सदन में कार्यवाही के दौरान सत्ता पक्ष की महिला सदस्य अलका लांबा के खिलाफ अभद्र टिप्पणी की। हालांकि शर्मा इस आरोप का लगातार विरोध कर रहे हैं। लेकिन इस मसले पर सदन में लगातार दो दिन हंगामा हुआ और महिला सदस्यों ने उनकी सदस्यता तक रद्द करने की मांग कर डाली। बाद में सत्ता पक्ष के प्रस्ताव पर विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने इस पूरे मसले को विधानसभा की आचरण समिति को भेज दिया और आदेश दिया कि वह अगले विधानसभा सेशन में अपनी रिपोर्ट पेश करे। लेकिन सरकार के इस निर्णय पर पार्टी की महिला सदस्य संतुष्ट नहीं है और उन्होंने सदन की कार्यवाही का ‘बहिष्कार’ करने का निर्णय ले लिया है।
सूत्र बताते हैं कि कल सेशन खत्म होने पर आप की सभी छह महिला सदस्यों ने यह निर्णय लिया है कि जब तक आचरण समिति की रिपोर्ट सदन पटल पर नहीं रखी जाती, तब तक वे सदन की कार्यवाही में भाग नहीं लेंगी। वह विधानसभा में तो आएंगी, लेकिन जब तक सदन चलेगा, वे सदन के बाहर शांतिपूर्वक धरना देंगी। सूत्र बताते हैं कि आज सुबह सरकार की ओर से इन महिला सदस्यों को मनाने का प्रयास चल रहा है। डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने महिला सदस्यों से गुजारिश की है कि वे सदन की बैठक में भाग लें। फिलहाल उन्हें मनाने का दौर जारी था।
दूसरी ओर विधानसभा में विपक्ष का आरोप है कि विधानसभा की कार्यवाही में नियमों की पूरे तौर पर अनदेखी की जा रही है और विधानसभा अध्यक्ष तटस्थ रहने के बजाय सरकार का साथ दे रहे हैं। नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता के अनुसार शीतकालीन सत्र में शुरू से ही नियमों को धता-बताया जा रहा है। विधानसभा अध्यक्ष नियमों के बजाय सरकार के इशारे पर सदन को चला रहे हैं। सदन में विपक्ष का विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव नकार दिया गया और अपनी मनमर्जी से प्रश्नोत्तर काल चलाया जा रहा है। अध्यक्ष का जब मन आता है प्रश्नोत्तर काल व अन्य कार्यवाही चलाते हैं और जब सरकार की ओर से इशारा मिलता है, उसे बदल देते हैं।
आम आदमी पार्टी की सत्ता पक्ष की महिला विधायक आज से दिल्ली विधानसभा की कार्यवाही में भाग नहीं लेंगी। महिला विधायकों ने निर्णय लिया है कि जब तक बीजेपी सदस्य के व्यवहार को लेकर आचरण समिति अपनी रिपोर्ट नहीं दे देती, तब तक वह शीतकालीन सेशन का ‘बहिष्कार’ करेंगी। सुबह सरकार की ओर से उन्हें मनाने के प्रयास चल रहे थे। दूसरी ओर विपक्ष का कहना है कि जिस तरह से दिल्ली विधानसभा चल रही है, ऐसी उन्होंने कभी चलती नहीं देखी। विपक्ष आज सदन में सरकार के खिलाफ काम रोको प्रस्ताव ला रहा है।
विपक्षी पार्टी बीजेपी के सदस्य ओपी शर्मा पर आरोप है कि उन्होंने सदन में कार्यवाही के दौरान सत्ता पक्ष की महिला सदस्य अलका लांबा के खिलाफ अभद्र टिप्पणी की। हालांकि शर्मा इस आरोप का लगातार विरोध कर रहे हैं। लेकिन इस मसले पर सदन में लगातार दो दिन हंगामा हुआ और महिला सदस्यों ने उनकी सदस्यता तक रद्द करने की मांग कर डाली। बाद में सत्ता पक्ष के प्रस्ताव पर विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने इस पूरे मसले को विधानसभा की आचरण समिति को भेज दिया और आदेश दिया कि वह अगले विधानसभा सेशन में अपनी रिपोर्ट पेश करे। लेकिन सरकार के इस निर्णय पर पार्टी की महिला सदस्य संतुष्ट नहीं है और उन्होंने सदन की कार्यवाही का ‘बहिष्कार’ करने का निर्णय ले लिया है।
सूत्र बताते हैं कि कल सेशन खत्म होने पर आप की सभी छह महिला सदस्यों ने यह निर्णय लिया है कि जब तक आचरण समिति की रिपोर्ट सदन पटल पर नहीं रखी जाती, तब तक वे सदन की कार्यवाही में भाग नहीं लेंगी। वह विधानसभा में तो आएंगी, लेकिन जब तक सदन चलेगा, वे सदन के बाहर शांतिपूर्वक धरना देंगी। सूत्र बताते हैं कि आज सुबह सरकार की ओर से इन महिला सदस्यों को मनाने का प्रयास चल रहा है। डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने महिला सदस्यों से गुजारिश की है कि वे सदन की बैठक में भाग लें। फिलहाल उन्हें मनाने का दौर जारी था।
दूसरी ओर विधानसभा में विपक्ष का आरोप है कि विधानसभा की कार्यवाही में नियमों की पूरे तौर पर अनदेखी की जा रही है और विधानसभा अध्यक्ष तटस्थ रहने के बजाय सरकार का साथ दे रहे हैं। नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता के अनुसार शीतकालीन सत्र में शुरू से ही नियमों को धता-बताया जा रहा है। विधानसभा अध्यक्ष नियमों के बजाय सरकार के इशारे पर सदन को चला रहे हैं। सदन में विपक्ष का विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव नकार दिया गया और अपनी मनमर्जी से प्रश्नोत्तर काल चलाया जा रहा है। अध्यक्ष का जब मन आता है प्रश्नोत्तर काल व अन्य कार्यवाही चलाते हैं और जब सरकार की ओर से इशारा मिलता है, उसे बदल देते हैं।
उनका यह भी आरोप है कि सदन में ऐसा पहली बार हुआ है कि डिप्टी सीएम अपने सदस्यों को विपक्ष के खिलाफ उकसा रहे हैं, हम अध्यक्ष को बता रहे हैं, लेकिन वह हमारे आरोपों को नकार रहे हैं। विजेंद्र ने बताया कि हम आज सरकार के खिलाफ काम रोको प्रस्ताव ला रहे हैं। सरकार विभिन्न तरीके के बिल लाकर देश के कानून का मजाक उड़ा रही है और संविधान का उल्लंघन कर रही हैं।
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