विपक्ष ने कहा, सरकार ने पूर्व सैनिकों के साथ छल किया
|पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी ने वन रैंक वन पेंशन मामले में नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने सरकार पर पूर्व सैनिकों को ‘धोखा’ देने का आरोप लगाया है कि इस पर जारी नोटिफिकेशन को ‘दिवाली का झटका’ करार दिया। उन्होंने कहा, ‘यह दिवाली गिफ्ट नहीं, दिवाली शॉक है। इसमें यूपीए सरकार के ऑर्डर के मुकाबले काफी कम बातें हैं। मुझे लगता है कि इस ऑर्डर का मतलब यह है कि सरकार भारतीय सिपाहियों से किए गए वादों से पीछे हट गई है।
यह वन रैंक वन पेंशन नहीं है। यह वन रैंक फाइव पेंशन है।’ उन्होंने कहा कि सरकार के आदेश के मुताबिक जो 15 साल के बाद स्वेच्छा से रिटायर हो रहे हैं, उन्होंने वन रैंक वन पेंशन नहीं मिलेगी। इससे सेना को जवान बनाए रखना मुश्किल होगा। उन्होंने कहा, ‘अगर नई पॉलिसी का पालन करते हैं, तो हमारा सैन्य बल उम्रदराज हो जाएगा।’
कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने इस मसले पर सरकार पर हमला बोला। सिंघवी ने कहा, ‘पहले हमने घोषणा में विलंब देखा और फिर हमने कुछ भी देने से पहले घोषणा की गुंजाइश में कटौती को देखा। हमने प्रक्रिया का हवाला देते हुए मात्रा में कमी करते देखा।’ उन्होंने सरकार पर इस मुद्दे पर छल और पाखंड की राजनीति करने का आरोप लगाया।
इस मुद्दे पर लेफ्ट पार्टियों ने भी सरकार को घेरा। इन पार्टियों का कहना था कि केंद्र सरकार ने पूर्व-सैनिकों के साथ धोखा किया है। उनके मुताबिक, नरेंद्र मोदी सरकार को अपने चुनावी वादे से पीछे हटकर पूर्व-सैनिकों को अपमानित नहीं करना चाहिए। सीपीएम पोलित ब्यूरो की सदस्य बृंदा करात और सीपीआई के राष्ट्रीय सचिव डी राजा ने सरकार को याद दिलाया कि उसने इस बाबत घोषणा की थी। बृंदा ने कहा, ‘यह पेंशनर्स के साथ धोखा है और सरकार अपने चुनावी वादे से पीछे हट रही है। हम पेंशनर्स का समर्थन करते हुए मांग करते हैं कि उनका अपमान बंद किया जाए।’
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