मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार लोगों में एचडीएफसी बैंक का कर्मचारी भी शामिल
| बैंक ऑफ बड़ौदा की ओर से छह हजार करोड़ रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग किए जाने के मामले में जिन चार लोगों को ईडी ने अरेस्ट किया है, उनमें से एक व्यक्ति एचडीएफसी बैंक का एंप्लॉयी है। देश के दिग्गज निजी बैंकों में शुमार एचडीएफसी बैंक पर भी इस गिरफ्तारी के बाद सवाल उठने लगे हैं। ईडी सूत्रों के मुताबिक एजेंसी अब एचडीएफसी बैंक की भूमिक की भी जांच कर सकती है। अपने एक एंप्लॉयी की गिरफ्तारी को लेकर एचडीएफसी ने बयान जारी कर कहा है कि वह इस मामले में जांच करा रहा है। बैंक ऑफ बड़ौदा की दिल्ली की अशोक विहार स्थित ब्रांच से हुए इस बड़े फर्जीवाड़ें में ईडी और सीबीआई अब तक छह लोगों को गिरफ्तार कर चुकी हैं। इस मामले में आरोपियों की कोशिश कस्टम ड्यूटी और टैक्स से बचने की थी। इसके अलावा कंपनी भी फर्जी थी, जिसके नाम पर रकम ट्रांसफर की गई। ईडी ने जिन चार लोगों को गिरफ्तार किया है, उसमें एचडीएफसी बैंक के फॉरन एक्सचेंज डिविजन में काम करने वाले कमल कालरा भी शामिल हैं। ईडी के सूत्रों के मुताबिक जिन चार लोगों को अरेस्ट किया गया है, इन पर 15 फर्जी कंपनियों के लिए बिचौलिए की भूमिका निभाने का आरोप है। आरोप है कुल 59 फर्जी कंपनियों के लिए 6,000 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग की थी। सूत्रों के मुताबिक यह चारों फर्जी कंपनी बनाने और उन्हें निर्यात के नाम पर रकम ट्रांसफर करने के काम में लगे थे। ईडी सूत्रों का दावा है कि एचडीएफसी बैंक के कर्मचारी कमल कालरा ने भी इस डील को पूरी करवाने में मदद की थी और हर अमेरिकी डॉलर पर 30 से 50 पैसे तक का कमीशन लिया था। गौरतलब है कि इस पूरे मामले ने बैंकिंग सेक्टर की छवि को धूमिल करने का काम किया है।
मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।