‘सरकार कर रही है रेलवे को खत्म करने की साजिश: AIRF
| ऑल इंडिया रेलवेमेन्स फेडरेशन (AIRF) ने बिबेक देबरॉय कमिटी की रिपोर्ट को सिरे से खारिज कर दिया है। फेडरेशन ने आरोप लगाया है कि यह रेलवे को खत्म कर इसे निजी हाथों में देने का साजिश है। रेलवे के निजीकरण की सरकार की किसी भी योजना का विरोध करते हुए फेडरेशन के महासचिव शिवगोपाल मिश्र ने कहा कि सरकार को रेलवे में एफडीआई, पीपीपी मॉडल और आउटसोर्सिंग के फैसले वापस ले लेने चाहिए। केंद्र पर आरोप लगाते हुए मिश्र ने कहा कि सरकार की उदासीनता की वजह से 2.54 लाख खाली पदों पर भर्ती नहीं हो रही है। संगठन ने यह भी कहा कि इसकी वजह से रेलवे को काम करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। एआईआरएफ के 91वीं एनुअल कांफ्रेंस में मिश्र ने आरोप लगाया कि सरकार कई पोस्ट्स खत्म कर रही थी, जिसकी वजह से रेलवे कर्मचारियों को ओवरटाइम करना पड़ा। उन्होंने कहा, ‘रेलवे में करीब 2.54 लाख पद खाली पड़े हैं और इससे हर तरह से नुकसान ही हो रहा है फिर वह चाहे मेंटिनेंस का मामला हो या फिर सेफ्टी का।’ बता दें कि जोधपुर में चल रही इस कांफ्रेंस में देशभर के 20 हजार रेलवे कर्मचारी हिस्सा लेने पहुंचे हैं। मिश्र ने कहा कि केंद्र सरकार को जल्द से जल्द रिक्त पदों को भरना चाहिए, ताकि काम कर रहे कर्मचारियों को भी थोड़ा आराम मिल सके। उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी रेलवे कर्मचारी से आठ घंटे से ज्यादा काम नहीं करवाया जाना चाहिए।
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