98 साल के दिलीप कुमार की पत्नी ने कहा- साहब काफी कमजोर हो गए, उनके लिए दुआ करें
|ट्रेजेडी किंग दिलीप कुमार की तबीयत ठीक नहीं है। उनकी पत्नी सायरा बानो ने एक अंग्रेजी न्यूज वेबसाइट से बातचीत में कहा कि दिलीप साहब ठीक नहीं है। काफी कमजोर हो गए हैं। कभी-कभी वे चलकर हॉल में चले जाते हैं और वापस अपने कमरे में लौट आते हैं। उनकी इम्युनिटी कम है। उनकी अच्छी सेहत के लिए दुआ करें। हम हर दिन के लिए खुदा के शुक्रगुजार हैं।"
'प्यार में कर रही साहब की देखभाल'
सायरा ने कहा, "मैं दिलीप साहब की देखभाल प्यार में करती हूं। ऐसा नहीं है कि कोई दबाव है। मैं उनकी देखभाल इसलिए नहीं करती कि कोई मेरी तारीफ करे और मुझे समर्पित पत्नी कहे। मेरे साथ हो रही दुनिया की सबसे अच्छी बात उन्हें छूना और गले लगाना है। मैं उन्हें प्यार करती हूं और वे मेरी जिंदगी हैं।"
कोरोना को लेकर सतर्क रहे दिलीप कुमार
11 दिसंबर को 98 साल के होने जा रहे दिलीप कुमार को इसी साल मार्च में कोरोना हो गया था। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा था, "कोरोनावायरस के के चलते मैं पूरी तरह आइसोलेशन और सेल्फ क्वारैंटाइन में हूं। मुझे कोई और इन्फेक्शन न हो, इसके लिए सायरा कोई कसर नहीं छोड़ रहीं।"
कोरोना से दो भाइयों का इंतकाल हुआ
कोरोनावायरस के चलते इस साल दिलीप कुमार के दो छोटे भाइयों का इंतकाल हो गया। 21 अगस्त को 88 साल के असलम का और फिर 2 सितंबर को 90 साल के अहसान चल बसे। इसके चलते सायरा बानो और दिलीप कुमार ने 11 अक्टूबर को अपनी शादी की 54वीं सालगिरह का जश्न नहीं मनाया था।
सायरा ने सोशल मीडिया पर इस बात का ऐलान करते हुए लिखा था, "11 अक्टूबर हमेशा से मेरी जिंदगी का सबसे खूबसूरत दिन है। दिलीप साहब ने इसी दिन मुझसे शादी की थी और मेरे सपनों को साकार किया था। इस साल हम जश्न नहीं मना रहे हैं। आप सभी जानते हैं कि हमने अपने दो भाइयों को खो दिया है।"
दिलीप कुमार पद्मभूषण, दादा साहब अवॉर्ड से सम्मानित
दिलीप कुमार का असली नाम मोहम्मद यूसुफ खान है। उन्होंने 'ज्वार भाटा' (1944), 'अंदाज' (1949), 'आन' (1952), 'देवदास' (1955), 'आजाद' (1955), 'मुगल-ए-आजम' (1960), 'गंगा जमुना' (1961), 'क्रान्ति' (1981), 'कर्मा' (1986) और 'सौदागर' (1991) समेत 50 से ज्यादा बॉलीवुड फिल्मों में काम किया है।
बेहतरीन अदाकारी के लिए उन्हें 8 बार बेस्ट एक्टर के तौर पर फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला। हिंदी सिनेमा के सबसे बड़े सम्मान दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड से भी उन्हें सम्मानित किया जा चुका है। 2015 में सरकार ने उन्हें देश का दूसरा सबसे बड़े सम्मान पद्म भूषण भी दिया था।