84 दंगों से जुड़ी फाइल गायब, निशाने पर केजरीवाल सरकार
| वर्ष 1984 में सिख विरोधी दंगों की जांच से जुड़ी फाइलें गायब हो गई हैं। दिल्ली सरकार ने इन फाइलों को खोजने के लिए सर्कुलर जारी कर दिया है और संबंधित विभागों को कहा है कि वे इन फाइलों को तलाशने में मदद करें। दिल्ली सरकार ने दंगों की जांच को लेकर एसआईटी का गठन किया था। ये फाइलें उसी से जुड़ी हुई हैं। ये फाइलें पिछले साल उस वक्त से गायब हैं, जब सरकार के गृह मंत्री जितेंद्र तोमर थे। बाद में उनसे यह पद ले लिया गया था।
दिल्ली सरकार के डिप्टी सेक्रेटरी (होम) आशीष कुमार ने हाल ही में एक सर्कुलर जारी किया है, जिसमें इस बात की जानकारी दी गई है कि दिल्ली सरकार द्वारा सिख दंगों की जांच के लिए बनाई गई एसआईटी से जुड़ी फाइलें गायब हो गई हैं। गृह विभाग से गायब इन फाइलों का पिछले साल 16 मार्च के बाद से पता नहीं चला है। जारी किए गए सर्कुलर में संबंधित विभागों से गुजारिश की गई है कि वे इस फाइल को तलाश करें और उसे दिल्ली सरकार के मुख्यालय में स्थित गृह विभाग तक पहुंचा दें।
सूत्र बताते हैं कि यह फाइलें तब से ही गृह विभाग से गायब हैं, जब सरकार के गृह मंत्री जितेंद्र तोमर थे। बाद में वकालत के फर्जी दस्तावेजों के आरोप के चलते उनसे यह पद ले लिया गया था। सूत्रों के अनुसार गृह विभाग इन फाइलों की लगातार खोज कर रहा था, लेकिन उनके न मिलने और किसी विवाद से बचने के लिए उसे यह सर्कुलर जारी करना पड़ा। इस मसले पर सरकार के गृह मंत्री सत्येंद्र जैन का कहना है कि उन्हें इस बाबत कोई जानकारी नहीं है। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सरकार बनने के बाद सिख दंगों की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया था और दंगों से जुड़ी सभी फाइलों को एसआईटी जांच में शामिल कर दिया था। इस दौरान सरकार ने दंगों में मारे गए लोगों के परिजनों को 5 लाख रुपये का मुआवजा भी दिया। सूत्र बताते हैं कि अधिकतर फाइलें गायब हो चुकी हैं।
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