-50 डिग्री में यहां काम करते हैं वर्कर्स, दो साल पहले ही मंगाना पड़ता है खाना
|इंटरनेशनल डेस्क. रूस के साइबेरिया की कुपोल माइन काम करने के लिए दुनिया की सबसे मुश्किल जगहों में से एक है। यहां टेम्परेचर माइनस 31 डिग्री फारेनहाइट (-35 डिग्री सेल्सियस) से भी नीचे चला जाता है। हालांकि, रूस के चुकोतका में कुपोल माइन में अब रह रहे वर्कर कहीं ज्यादा आरामदेह जिंदगी गुजार रहे हैं। रशियन फोटोग्राफर एलेना चेर्नीशोवा ने इस माइन के वर्कर्स की डेली लाइफ को अपने कैमरे में कैद किया था। 1200 वर्कर्स का है स्टाफ… – 1940 में पहली बार इस इलाके में गोल्ड मिला और स्टालिन के शासन में फोर्स्ड लेबर कैंप सिस्टम के जरिए यहां से सोना निकाला गया। – कुपोल माइन ने अपना पहला गोल्ड ओर 2008 में प्रोड्यूस किया था। – तब से यहां से गोल्ड और सिल्वर जैसे कीमती मेटल यहां से निकाले जा रहे हैं। – इस माइन में करीब 1200 वर्कर्स का स्टाफ है, जो बिना किसी वीकेंड के लगातार 12-12 घंटे काम करता है। – काम का ये सिलसिला सिर्फ दो महीने के लिए ही रहता है। – इसके बाद उन्हें रेस्ट के लिए दो महीने की छुट्टी मिलती है और फिर उन्हें इसी तरह दो महीने के काम के लिए लौटना होता है। वर्कर्स के…