30,000 में गुजारा? HC जाएंगे करोड़पति पिता

गाजियाबाद
बुजुर्ग पिता से सारी संपत्ति अपने नाम करवाकर उन्हें भीख मांगने के लिए मजबूर वाले बेटों को फास्ट ट्रैक कोर्ट सेकंड ने पिता को हर महीने 15-15 हजार रुपये देने का आदेश दिया है। कोर्ट के इस फैसले पर बुजुर्ग ने असंतुष्टि जाहिर की है। उनका कहना है कि इतने रुपयों में गुजारा करना बेहद मुश्किल है। ऐसे में बुजुर्ग ने कोर्ट के फैसले को हाई कोर्ट में चैलेंज करने का मन बनाया है। फिलहाल उनके इस निर्णय में आर्थिक तंगी आड़े आ रही है।

कोर्ट ने दी थी राहत
बुजुर्ग बाप ने बेटों की ज्यादती के खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। चार साल की लड़ाई के बाद आखिरकार पिता की जीत हुई। अदालत ने पीड़ित की अर्जी पर सुनवाई के बाद दोनों बेटों को आदेश दिया है कि वे हर महीने की 10 तारीख को अपने पिता को 15-15 हजार रुपये देंगे, ताकि वह ठीक से जीवनयापन कर सकें। पीड़ित पिता कोर्ट के इस फैसले से खुश नहीं हैं। गुरुवार को उन्होंने इस संबंध में अपने वकील से सलाह मशविरा किया।

क्या है पूरा मामला
थाना निवाड़ी के अबूपुर गांव में रहने वाले महाराज सिंह (72) के तीन बेटे लविंद्र, रविंद्र और जितेंद्र हैं। लविंद्र की मौत हो चुकी है। महाराज सिंह की पत्नी की भी मौत हो गई है। उन्होंने अपनी करोड़ों रुपये की पैतृक कृषि भूमि अपने दोनों बेटों में बांट दी और पावर ऑफ अटॉर्नी भी उनके नाम कर दी थी। बेटों ने छह बीघा जमीन का बैनामा अपनी पत्नियों के नाम कर दिया और शेष जमीन को बेच दिया। महाराज सिंह ने इससे पहले 47 लाख रुपये में कुठ जमीन बेची थी। यह रकम भी उन्होंने बेटों को दे दी थी। रविंद्र और जितेंद्र ड्राइवर हैं। सारी संपत्ति मिलने के बाद करीब चार साल पहले दोनों ने पिता को खाना देना बंद कर दिया और एक दिन मारपीट कर उन्हें घर से निकाल दिया। कोई सहारा न होने पर महाराज सिंह को भीख मांगकर गुजारा करना पड़ा। इसके बाद उन्होंने कोर्ट में मामला दायर किया। बुधवार को फास्ट ट्रैक कोर्ट सेकंड ने मामले की अंतिम सुनाई करते हुए महाराज सिंह के दोनों बेटों को हर महीने खर्च देने का आदेश दिया था।

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