28 महीने के निचले स्तर पर पहुंचा रुपया

मुंबई

कारोबार की शुरुआत के साथ ही बुधवार को रुपया दो साल के निचले स्तर पर पहुंच गया। 42 पैसे की रेकॉर्ड गिरावट के साथ रुपया दोपहर 01:15 बजे डॉलर के मुकाबले 68.07 रुपये के स्तर पर पहुंच गया। 4 सितंबर, 2013 के बाद रुपये का यह सबसे निचला स्तर है। आयातकों की ओर से डॉलर की डिमांड और विदेशी निवेशकों की ओर से बिकवाली के चलते रुपये में यह बड़ी गिरावट का दौर देखा गया है। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया मंगलवार के स्तर 67.65 के मुकाबले 67.77 के स्तर पर पहुंच गया।

इसके बाद दिन के कारोबार में रुपये का स्तर लगातार गिरता गया और यह 68 के स्तर से नीचे पहुंच गया। मुद्रा बाजार के कारोबारियों ने कहा कि आयातकों की ओर से यूएस करंसी की भारी मांग और कैपिटल आउटफ्लो की वजह से यह बड़ी गिरावट आई है। हालांकि अन्य करंसीज के मुकाबले डॉलर में गिरावट देखने को मिली है। विश्लेषकों के मुताबिक भारत के बाजार पर वैश्विक बाजार में जारी मंदी का असर देखने को मिला है। यहां तक कि बीएसई का सूचकांक भी 481.19 अंक गिरकर 24,000 के स्तर से नीचे पहुंच गया।

रुपये की गिरावट के चलते भारत के बाजार पर बड़ा असर देखने को मिल सकता है। शेयर बाजार में गिरावट से रुपये पर दबाव बढ़ता जा रहा है। इसकी बड़ी वजह विदेशी निवेश में कमी आना भी है। सोने की खरीददारी बढ़ने से भी रुपया टूटता जा रहा है। अमेरिका में इंटरेस्ट रेट बढ़ने से डॉलर में इन्वेस्टर्स की दिलचस्पी बढ़ी है।

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