2019: बंटे विपक्ष से दिल्ली में BJP को होगा फायदा
|कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने बीजेपी के खिलाफ विपक्षी एकता की बात कही है। हालांकि, दिल्ली के संदर्भ में कांग्रेस इसे खारिज कर रही है। आम आदमी पार्टी इस पर कुछ बोलने को तैयार नहीं है। दिल्ली का चुनावी रिकॉर्ड रहा है कि त्रिकोणीय मुकाबले में बीजेपी को हराना दोनों के लिए आसान नहीं रहा। 2015 का विधानसभा चुनाव अपवाद था, जब मोदी लहर के बाद भी आप ने दिल्ली में बीजेपी को बुरी तरह से हराया था। लोकसभा और एमसीडी चुनाव के आंकड़े देखें तो बीजेपी का वोट प्रतिशत हमेशा 30 से ज्यादा रहा है। ऐसे में आगामी लोकसभा चुनाव में त्रिकोणीय मुकाबला होने पर बीजेपी का पलड़ा भारी हो सकता है।
पिछले दो चुनावों की बात करें तो साल 2015 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी के पक्ष में 32.2 पर्सेंट वोट गए थे, जबकि आप को 54.3 पर्सेंट और कांग्रेस को केवल 9.7 पर्सेंट वोट मिले थे। आप को 67 सीटों पर जीत मिली थी और बीजेपी तीन पर सिमटी और कांग्रेस खाता तक नहीं खोल पाई थी। इसके बाद 2017 में हुए एमसीडी चुनाव में स्थिति बदल गई। कांग्रेस के जोर लगाने से पार्टी के वोट बैंक में 11 पर्सेंट का इजाफा हुआ और आप के वोट पर्सेंट में 26 पर्सेंट की कमी आई। नतीजा यह हुआ कि बीजेपी का वोट प्रतिशत बढ़ कर 36 पर्सेंट तक पहुंच गया और 181 सीटों पर जीत हासिल की। इस चुनाव में आप के 48 और कांग्रेस के 30 पार्षदों को जीत मिली।
इससे साफ है कि जैसे ही त्रिकोणीय मुकाबला हुआ बीजेपी के माथे पर जीत सेहरा सज गया, जबकि 1998 से लेकर 2008 तक बीजेपी 30 पर्सेंट वोट लाने के बाद भी कभी सरकार नहीं बना पाई। जैसे ही त्रिकोणीय मुकाबला हुआ नतीजे बीजेपी के फेवर में चले गए। चुनावी जानकारों का कहना है कि इस गणित से यह साफ हो रहा है कि बीजेपी का वोट प्रतिशत लगभग अपनी जगह पर कायम है। वोट का बंटवारा कांग्रेस और आप के बीच में है। आप ने दिल्ली में एंट्री के बाद कांग्रेस के वोट बैंक पर निशाना साधा और पार्टी कमजोर हुई, जिससे बीजेपी को 32 पर्सेंट वोट मिलने के बावजूद भी केवल तीन सीटें ही मिलीं। एमसीडी चुनाव में कांग्रेस के वोट पर्सेंटेज में 11 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई, मुकाबला त्रिकोणीय हो गया और बीजेपी दोनों को मात देने में सफल रही।
हालांकि, कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि राहुल गांधी का बयान राष्ट्रीय प्ररिपेक्ष्य में है न कि दिल्ली को लेकर। प्रदेश नेताओं का कहना है कि पार्टी मजबूत हो रही है और हमारी टक्कर आप से है, ऐसे में अगर कांग्रेस आप से गठबंधन करती है तो बाकी राज्यों की तरह यहां पर भी कांग्रेस का जनाधार खत्म हो जाएगा। सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस के पास विकल्प कम हैं, क्योंकि उनका वोटर आप में चला गया है और आप ने जिस प्रकार बिजली और पानी को लेकर उन्हें सुविधा दी है, वे इससे काफी खुश हैं।
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