2जी अदालत के क्षेत्राधिकार मुद्दे पर मारन बंधु की याचिका पर फैसला सुनाएगी

नयी दिल्ली, 27 अगस्त :: एक विशेष अदालत ने पूर्व दूरसंचार मंत्री दयानिधि मारन और उनके भाई कलानिधि मारन द्वारा दायर याचिका पर फैसला छह सितंबर तक के लिए सुरक्षित रखा है। याचिका में मारन बंधु ने एयरसेल-मैक्सिस सौदे की सुनवाई को लेकर अदालत के क्षेत्राधिकार को चुनौती दी थी। इस मामले में उन्हें आरोपी के तौर पर समन किया गया।

अदालत को आज सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दायर दो अलग-अलग मामलों में मारन बंधुओं और अन्य की जमानत याचिकाओं पर आदेश सुनाना था लेकिन उसने इस मामले को बाद में सुनवाई के लिए टाल दिया। अदालत ने फैसला किया कि वह पहले क्षेत्राधिकार के मामले को निपटाएगी।

मारन बंधुओं ने प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई द्वारा दायर मामलों में विशेष 2जी अदालत के क्षेत्राधिकार को चुनौती दी है।

विशेष न्यायाधीश ओ पी सैनी ने कहा, इस अदालत के क्षेत्राधिकार को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर बहस हुई और यह पूरी हो गई। इस अदालत के क्षेत्राधिकार को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर आदेश छह सितंबर को सुनाया जाएगा।

अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई द्वारा दायर मामलों पर अपना आदेश सुरक्षित रखा है।

सुनवाई के दौरान मारन बंधुओं ने आज अदालत को बताया कि एयरसेल-मैक्सिस विवाद निजी मामला है और यह कथित 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले का हिस्सा नहीं है।

मारन बंधुओं की ओर से उपस्थित वकीलों ने कहा, इसलिए विशिष्ट तौर पर 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले की सुनवाई के लिए गठित अदालत इस मामले की सुनवाई नहीं कर सकती। उन्होंने कहा कि इस सौदे से सरकारी खजाने को कोई नुकसान नहीं हुआ।

दयानिधि मारन और कलानिधि मारन तथा चार अन्य ने अदालत के समक्ष मनी लांड्रिंग मामले में अपनी जमानत याचिका पेश की है जो कि अभी लंबित है।

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