11 महीने की बेटी को छोड़ मुंबई आई थीं शुभांगी:लगातार 72 घंटे शूट करने का रिकॉर्ड है, 19 साल की शादी तोड़कर बनीं सिंगल मदर
|सही पकड़े हैं… यह लाइन सुनते ही जिस शख्स का चेहरा सामने आता है, वो हैं ‘भाबी जी घर पर हैं’ फेम शुभांगी अत्रे। इस बार की स्ट्रगल स्टोरी में हमने इन्हीं की कहानी समेटी है। मध्य प्रदेश में जन्मी शुभांगी का पहला ख्वाब ही एक्टर बनने का था, लेकिन परिवार में इसकी मनाही थी। डॉक्टर-इंजीनियर से भरे-पूरे परिवार में एक्टिंग को सबसे खराब प्रोफेशन माना जाता था। ग्रेजुएशन कर ही रही थीं कि 21 साल की शुभांगी की शादी कर दी गई। कहते है ना कि ख्वाब किसी भी वक्त और परिस्थिति में पूरा किया जा सकता है। ठीक ऐसा ही शुभांगी ने भी किया। एक बेटी की मां बनने के बाद उन्होंने अपने करियर की शुरुआत की। आज वो घर-घर में अंगूरी भाभी के नाम और किरदार से फेमस हैं। दोपहर 2 बजे शुभांगी यह कहानी मुंबई के मलाड ईस्ट में स्थित अपने मैनेजर के घर पर बैठ कर बता रही हैं। थोड़ी औपचारिकता के बात हमने उनसे पहला सवाल किया। परिवार के बारे में बताइए? शुभांगी कहती हैं, ‘मेरा जन्म 18 अप्रैल 1981 को मध्य प्रदेश के इंदौर में हुआ था। हम तीन बहने हैं, हमारा कोई सगा भाई नहीं है। यही वजह रही कि घर के सभी छोटे-बड़े काम हमने ही किए। इन चीजों में पापा ने हमेशा सपोर्ट किया। उन्होंने यकीन दिलाया कि हम कुछ भी कर सकते हैं। मैंने पहला ख्वाब ही एक्टर बनने का देखा था, लेकिन पूरे परिवार में इस प्रोफेशन में कोई नहीं था। सारे कजन्स भी डॉक्टर्स या इंजीनियर हैं। यही वजह रही कि जब परिवार को एक्टर बनने की बात पता चली तो उन्होंने सपोर्ट नहीं किया। हालांकि, इस फील्ड में मेरी सफलता देख आज पेरेंट्स बहुत खुश हैं।’ आपकी शादी कम उम्र में हो गई थी। इसकी कोई खास वजह? उन्होंने कहा, ‘जी हां, मैं 21 साल की थी, जब मेरी शादी हुई थी। ऐसी कोई खास वजह नहीं थी। उस वक्त मैं MBA कर रही थी। मध्य प्रदेश में ब्राह्मण फैमिली में ऐसा होता था कि लड़की के ग्रेजुएशन में जाते ही उसके लिए वर ढूंढने की तैयारी शुरू कर दी जाती थी। इसी कारण मेरी भी शादी हो गई। शादी के बाद मैं पुणे आ गई थी। इसके बाद 22 साल की उम्र में बेटी आशी को जन्म दिया। शादी के पहले मैंने भास्कर टीवी के लिए ऐड शूट किया था। कह सकते हैं कि पहला ब्रेक मुझे भास्कर ग्रुप ने ही दिया था, जिसकी आज भी शुक्रगुजार हूं। कुछ समय बाद मैंने पुणे में एक शैम्पू ब्रांड के लिए ऐड शूट किया था। इस शूट के लिए मुझे 2500 रुपए मिले थे। जिस फोटोग्राफर ने शूट किया था, उसने मुझसे कहा था- आपका फेस हीरोइनों जैसा है। आपको एक्टिंग में जरूर ट्राई करना चाहिए। मुझे नहीं पता था कि पुणे में ऑडिशन होता है। यह बात उस फोटोग्राफर ने ही बताई। फिर मैंने एक ऑडिशन दिया। ना जाने कैसे वो ऑडिशन एकता कपूर तक पहुंच गया। मेरे काम से वो बहुत इंप्रेस हुईं। पहले मुझे टीवी शो सास भी कभी बहू थी में काम मिलने वाला था, लेकिन बाद में ‘कसौटी जिंदगी की’ में काम मिला। यहां मुझे हर दिन 3000 रुपए मिलते थे। किस्मत अच्छी रही कि इसके बाद आज तक काम की कमी नहीं हुई।’ नन्ही सी बेटी को छोड़कर काम पर जाना कितना मुश्किल था? जवाब में उन्होंने कहा, ‘यह वाकई बहुत मुश्किल था। काम की वजह से बेटी से दूर रहने का अफसोस आज भी है। किसी मां के लिए यह आसान नहीं होता है, पर काम के लिए ऐसा करना पड़ता है। मुझे भी यह करना पड़ा। आशी 11 महीने की थी, जब मैं काम के लिए मुंबई आई थी। उसके बड़े होने पर हर महीने अफसोस होता था कि मैं आशी की पेरेंट्स मीटिंग में नहीं जा पाती थी। बहुत मुश्किल से मैनेज करके 1-2 बार गई हूं। जब कभी मौका मिलता है तो उसकी पुरानी तस्वीरें देखती हूं, तब लगता है कि उसके बचपन के कितने खूबसूरत दिन मैंने देखे ही नहीं हैं। शायद उसके साथ बहुत सारा समय ना बिता पाने का अफसोस पूरी जिंदगी रहेगा। हालांकि, आशी ने मुझे हमेशा समझा है। वो कहती है- मां कोई बात नहीं है। आज जो लाइफ स्टाइल जी रही हूं, यह सब आपकी बदौलत ही संभव हो पाया है। यही वजह है कि मैं पार्टीज वगैरह में बहुत कम जाती हूं। जो भी समय मिलता है वो आशी के साथ स्पेंड करती हूं।’ मुंबई का संघर्ष कैसा रहा? शुभांगी का कहना है, ‘बेटी को पति और परिवार के पास छोड़ कर मुंबई आई थी। आम लोगों की की तरह मुझे भी यहां रहने और खाने की दिक्कत हुई। बस इस बात की खुशी थी कि काम के लिए दर-दर की ठोकरें नहीं खानी पड़ीं। शुरुआत में कुछ लड़कियों के साथ रूम शेयर करती थी। शूटिंग के दौरान अपना फोन बतौर प्रॉप्स यूज करती थी, जिसके बदले 150 रुपए मिल जाते थे। इसके अलावा मैं दिन भर के लिए 2 बॉटल दूध खरीद लेती थी, जिससे खाने की टेंशन भी दूर हो जाती थी। आज इसकी छूट है कि एक्टर्स मन मुताबिक शिफ्ट लगा लेते हैं, लेकिन पहले ऐसा नहीं था। 18-18 घंटे की शिफ्ट होती थी। 72 घंटे लगातार काम करने का मेरा रिकॉर्ड है। दूसरे शो कस्तूरी के वक्त मैं मंगलवार या बुधवार को शूटिंग पर निकलती थी और शुक्रवार या शनिवार को वापस घर जाती थी। ऐसे ना जाने कितने संघर्ष को पार करना पड़ा है। मन में शुरुआत से क्लियर था कि एक्टर ही बनना है। इस कारण जो भी संघर्ष सामने आया, उसका डटकर सामना किया।’ इतने लंबे समय से शो ‘भाबी जी घर पर हैं’ का हिस्सा होने पर टाइपकास्ट का डर नहीं लगता है? शुभांगी ने कहा, ‘नहीं, मुझे ऐसा बिल्कुल नहीं लगता है। मुझे खुद विश्वास नहीं होता कि कैसे 8 साल से इस शो को कर रही हूं। इससे अभी तक जुड़े रहने की वजह यही है कि अंगूरी का किरदार बहुत ही अच्छा है। हर दिन इस कैरेक्टर को एंजॉय करती हूं। लंबे वक्त के बाद भी इससे बोर नहीं हुई।’ शिल्पा शिंदे के साथ कम्पैरिजन पर क्या कहना है? शुरुआत में शो ‘भाबी जी घर पर हैं’ में अंगूरी भाभी का किरदार शिल्पा शिंदे ने निभाया था, लेकिन 10 महीने में ही मेकर्स के साथ अनबन के कारण उन्हें निकाल दिया गया था। फिर उनकी जगह शुभांगी को कास्ट किया गया था। इस बारे में शुभांगी कहती हैं, ‘मुझे पता था कि कम्पैरिजन तो होगा ही। शो की प्रोड्यूसर बिनेफर एस कोहली ने मुझसे कहा था कि इस किरदार के लिए हमें दूसरा तो कोई चाहिए ही था और इसके लिए तुमसे बेहतर कोई दूसरा नहीं हो सकता था। मैंने भी जब पेपर में यह खबर पढ़ी थी कि शो में अंगूरी भाबी के लिए किसी दूसरे आर्टिस्ट की तलाश है, तो मुझे एहसास था कि इसका हिस्सा तो मैं ही बनूंगी। जब मुझे रोल में कास्ट किया गया था, तब मैंने दूसरा कुछ सोचा ही नहीं। बस ईमानदारी के साथ अपना काम करती रही।’ 19 साल बाद पति से अलग होने की खास वजह? शुभांगी ने पीयूष पूरे से 2003 में शादी की थी, लेकिन शादी के 19 साल बाद दोनों अलग हो गए। इस पर शुभांगी ने कहा, ‘बस इतना कहूंगी कि मैं एक अच्छे नोट पर अलग होना चाहती थी। मैं इस रिश्ते का अंत खराब नहीं चाहती थी। फिलहाल मैं सिंगल हूं और अपने काम में खुश हूं।’