10 साल में चौगुनी हो गई भारत में अरबपतियों की तादाद: रिपोर्ट

कैलाश बाबर, मुंबई
भारतीय धनी होते जा रहे हैं और अरबपति भारतीयों की संख्या में वृद्धि की रफ्तार वैश्विक औसत से भी ज्यादा है। नाइट फ्रैंक ग्लोबल वेल्थ रिपोर्ट 2016 में कहा गया है कि पिछले 10 सालों में भारत में अरबपतियों की तादाद में चौगुनी से भी ज्यादा या 330 प्रतिशत की वृद्धि हुई है जबकि इस दौरान वैश्विक वृद्धि औसत महज 68 प्रतिशत रहा।

इस ट्रेंड के आगे भी बरकरार रहने की उम्मीद है क्योंकि भारतीय अरबपतियों की तादाद अगले दशक तक दोगुनी होने जा रही है जबकि तब तक वैश्विक वृद्धि औसत महज 44 प्रतिशत ही रहने का अनुमान है। पिछले 10 सालों में भारत में 30 मिलियन डॉलर के नेटवर्थ वाले अल्ट्रा हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल्स (यूएचएनआईज) की संख्या भी चौगुनी या 340 प्रतिशत वृद्धि के साथ 6,020 पर पहुंच गई है जबकि इस दौरान दुनिया भर में यूएचएनआईज की तादाद महज 61 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 1,87,468 पर पहुंची है।

अगले 10 सालों में भारत में यूएचएनआईज की संख्या भी दोगुनी होने की उम्मीद है जबकि इस दौरान दुनियाभर के यूएचएनआईज में 41 प्रतिशत की वृद्धि का अुनमान है। यूएचएनआईज की कुल 91 देशों की मौजूदा रैकिंग में भारत का नंबर छठा है और 2025 तक इसके अमेरिका, चीन और इंग्लैंड के बाद चौथे स्थान पर आ जाने की उम्मीद है।

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पिछले 10 सालों में अल्ट्रा हाई नेटवर्थ वाले भारतीयों में 31 प्रतिशत ने आवासीय अचल संपत्तियों में निवेश बढ़ाया है जबकि 47 प्रतिशत ने कमर्शल प्रॉपर्टी मार्केट में ज्यादा पैसा लगाया है। वहीं, करीब 16 प्रतिशत भारतीय यूएचएनआईज अगले एक साल में रेजिडेंशल प्रॉपर्टीज में निवेश करना चाहते हैं।

नाइट फ्रैंक रिपोर्ट के मुताबिक, रेजिडेंशल प्रॉपर्टीज पर मालिकाना हक रखने वाले धनी भारतीयों की औसत संख्या अभी 4 है जो दुनिया में सबसे ज्यादा है जबकि इसका वैश्विक औसत 3.7 है। अभी कुल 1,094 यूएचएनआईज के साथ मुंबई देश में टॉप पर है, वहीं 545 की तादाद के साथ दिल्ली दूसरे नंबर पर हैा। अनुमान है कि अगले 10 सालों में मुंबई में यह संख्या बढ़कर 2,243 तो दिल्ली में 1,128 हो जाएगी।

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