होम लोन पर लोग दिखा रहे ऐसी ‘चालाकी,’ बैंकों को हो रहा नुकसान

मुंबई
होम लोन लेने वाले लोग अब हाई रिटर्न के लिए कर्ज का बड़ा हिस्सा ओवरड्राफ्ट अकाउंट में रख रहे हैं। ऐसा इसलिए किया जा रहा है कि कर्जदाता इसे किसी और ग्राहक को न ऑफर करे। ओवरड्राफ्ट की सुविधा लोगों को कर्ज का हिस्सा बैंक के सेविंग अकाउंट में रखने की अनुमति देती है। इसमें ग्राहकों का फायदा यह भी है कि खाते में अतिरिक्त राशि रखने पर होम लोन पर ब्याज भी नहीं देना पड़ता है।

ग्राहकों द्वारा ओवरड्राफ्ट का उपयोग करने से कर्जदाता चिंतित हैं। दरअसल ब्याज न मिलने की वजह से उन्हें नुकसान उठाना पड़ रहा है। मिडिल क्लास के ग्राहक पारंपरिक तरीके से लोन लेते हैं जबकि मंझे हुए निवेशक ओवरड्राफ्ट का उपयोग करते हैं। खाते में मौजूद सरप्लस को वे किसी और निवेश में उपयोग कर लेते हैं।

फाइनैंशल मार्केट और रीयल एस्टेट में अब ओवरड्राफ्ट अकाउंट बढ़ रहे हैं। एसबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘ओवरड्राफ्ट अकाउंट की संख्या बढ़ने की वजह से बैंकों को ब्याज से होने वाली आमदनी नहीं हो रही है। जबकि एजेंट्स को कमिशन देना पड़ता है।’ बैंक इस सुविधा को वापस नहीं ले रहे हैं बल्कि इसमें अतिरिक्त शर्तें जोड़ रहे हैं। कुछ बैंकों ने उन ग्राहकों को लोन देने से इनकार कर दिया जिनके पिछले लोन का बड़ा हिस्सा बैंक में जमा है। वहीं कुछ मल्टीनैशनल बैंक लोन की जमा राशि पर अतिरिक्त फीस भी ले रहे हैं।

रिटेललेंडिंग डॉट कॉम की संस्थापक सुकन्या कुमार ने कहा कि अजीब स्थिति है कि बैंकों के पास कोई प्रॉडक्ट है लेकिन वे किसी और को नहीं दे सकते। पहले यह सुविधा मल्टीनैशनल बैंक देते थे। इसके बाद जल्द ही इसे आईसीआईसीआई बैंक और एक्सिस बैंक समेत एसबीआई ने भी अपना लिया।

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