हेट स्पीच पर सुप्रीम कोर्ट से सख्ती चाहती है मोदी सरकार, जानिए अभी
|नई दिल्ली. हाल ही में सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से हेट स्पीच (द्वेषपूर्ण भाषण) के मामलों में सख्ती बरतने की बात कही है। मामला बीजेपी नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी पर हेट स्पीच से जुड़े कई केस का है। एक ही बयान, किसी के लिए नफरत फैलाने वाली बात हो जाता है और किसी के लिए बोलने की आजादी। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार इसी उलझन में फंसा रहता है। अपनी बात कहने की आजादी से जुड़े कई कानून हमारे देश में मौजूद हैं और एकता व शांति भंग करने वाले बयानों पर पाबंदी भी है। इन कानूनों का उपयोग और दुरुपयोग दोनों की ही चर्चा होती रहती है। परिभाषा के मुताबिक किसी भी ऐसी बात, हरकत या भाव को, बोलकर, लिखकर या दृश्य माध्यम से प्रसारित करना, जिससे हिंसा भड़कने, धार्मिक भावना आहत होने या किसी समूह या समुदाय के बीच धर्म, नस्ल, जन्मस्थान और भाषा के आधार पर विद्वेष पैदा होने की आशंका हो, वह हेट स्पीच के अंतर्गत आती है। सहिष्णुता और असहिष्णुता के शोर के बीच यह मामला और महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि समस्या के मूल में यही है कि जनता और नेता किसी की बात को सह पाते हैं या नहीं। क्या…