हीराे से जीरो और जीरो से हीरो
|शिमित अमिन ने नाना पाटेकर के साथ पुलिस के फेक एनकाऊंटर पर ‘अब तक छप्पन’ के बाद ‘चक दे इंडिया’ बनाई जिसमें महिला हॉकी टीम के संघर्ष की अद्भुत कथा थी। प्रांतीयता के जहर के खिलाफ देश में एकजुटता की भावना जगाने वाली यह फिल्म एक यादगार फिल्म है और एकमात्र फिल्म है जिसमें शाहरुख खान ने कोई सितारा लटके झटके नहीं दिखाए बस पात्र की त्वचा के भीतर जाकर हॉकी कोच की भूमिका का निर्वाह किया था। इन दो फिल्मों की सफलता के बाद उन्होंने रणबीर कपूर के साथ ‘रॉकेट सिंह…’ बनाई जो बुरी तरह असफल रही क्योंकि ईमानदारी का दम भरने वाले नायक ने एक कंपनी में काम करते हुए उसके साधनों का इस्तेमाल करके अपनी प्रतिद्वंद्वी कंपनी खड़ा करने का प्रयास किया अर्थात बेइमानी के आधार पर ‘इमानदार कम्पनी’ खड़े करने की चेष्ट की। दरअसल सेल्समैन विषय में असीमित संभावनाएं हैं, उसे वह चीज बेचना है जिस के निर्माण और उसमें गुणवत्ता के बारे में उसे सतही जानकारी है। उसे वह बेचना है जिस पर स्वयं उसका विश्वास नहीं है। साथ ही दर-दर भटकना और कई बार अपमान झेलना आत्मा मारने का काम है।…