हिजाब खुला तो नहीं की आउट होने की परवाह

कहते हैं खेल में जीत-हार से बड़ी खेल की भावना होती है। खेल के मैदान में कई बार ऐसे मौके सामने आते हैं, जब खिलाड़ी कोई ऐसा काम कर जाते हैं, जिससे समझ में आता है कि किसी भी खेल में जीत-हार से बड़ी खेल भावना है। खेल भावना के ये लम्हे हमेशा के लिए यादगार बन जाते हैं।

कुछ ऐसा ही उदाहरण 2014 के एशियन गेम्स में देखने को मिला था। इस टूर्नमेंट में भारत और ईरान की टीमें मैच खेल रही थीं, इस दौरान ईरान की एक खिलाड़ी का रेड डालने के दौरान हिजाब खुल गया। हिजाब खुलने से वह खिलाड़ी असहज हो गईं क्योंकि उसके धर्म और संस्कृति में हिजाब के साथ रहना जरूरी है। भारत की टीम बिना देर किए उस खिलाड़ी को छोड़ दिया। ऐसा करते हुए टीम ने पॉइंट गंवाने की परवाह भी नहीं की। इस दौरान यह मैच रोमांचक मोड़ पर था और ऐसे में पॉइंट गंवाकर मैच में हार भी मिल सकती थी।

भारतीय टीम ने तुरंत उसका हिजाब सही किया और थोड़ी देर बाद यह मैच फिर से शुरू हो गया। यह महिला कबड्डी में ऐसा उदाहरण है, जो बिना कुछ बोले मानवता के सम्मान को लाखों शब्दों में बयां करने के बराबर है।

बाद में भारतीय टीम ने यह मैच भी 31-21 से अपने नाम किया था। लेकिन इस मैच में भारतीय टीम ने जीत से ज्यादा मानवता को जीता था। इस मैच को देखने आए दर्शकों ने भारत की इस खेल भावना को सलाम किया था।

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