हर बाजार पर सीलिंग की तलवार नहीं
|करीब आठ साल बाद सुप्रीम कोर्ट की मॉनिटरिंग कमिटी के एक्टिव होने से दिल्ली के बाजारों में एक बार फिर से सीलिंग का खतरा मंडराने लगा है। लेकिन कमिटी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि कमर्शल इलाकों में चल रही दुकानों (बाजारों) के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया जाएगा। लेकिन रिहाइश इलाकों की जिन दुकानों ने कन्वर्जन चार्ज जमा नहीं कराया है या दुकानों के बाहर अवैध निर्माण आदि कर रखा हो उस पर एक्शन जरूर होगा। सीलिंग मसले को लेकर कमिटी कल एक हाई लेवल मीटिंग करने जा रही है, जिसमें एमसीडी से पूछताछ हो सकती है कि जो कन्वर्जन चार्ज उस तक पहुंच चुका है, उसका स्टेटस क्या है।
मॉनिटरिंग कमिटी के चेयरमैन केजे राव ने सांध्य टाइम्स से बातचीत में जानकारी दी कि दिल्ली के बिगड़ते हालात को देखते हुए हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने कमिटी को फिर से कन्वर्जन चार्ज, सीलिंग आदि की जांच करने को कहा है, जिसके तहत एक्शन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस मसले पर कमिटी की मंशा क्लियर है। यह उन बाजारों या दुकानों पर कोई एक्शन नहीं करेगी, जो मास्टर प्लान-2021 के तहत घोषित कमर्शल इलाकों में आते हैं। नियमों के अनुसार इनसे कन्वर्जन शुल्क वसूलने का प्रावधान नहीं है। लेकिन इन बाजारों या दुकानों में अवैध निर्माण नजर आया तो उस निर्माण को सील कर दिया जाएगा और बाद में उसे धरायाशी भी कर दिया जाएगा। इसके लिए मॉनिटरिंग कमिटी विभिन्न बाजारों में लगातार दौरे कर रही है।
चेयरमैन राव के अनुसार दस साल पहले जब मास्टर प्लान घोषित किया गया था तो कमर्शल इलाकों को लेकर दो नियम बनाए गए थे। कुछ इलाकों को पूरे तौर पर कमर्शल घोषित कर दिया गया था, जबकि कुछ इलाकों के ग्राउंड फ्लोर को कमर्शल और ऊपर की मंजिल को रिहायशी रखने का प्रावधान (मिक्स लैंड यूज) किया गया था। लेकिन ऐसे बदलाव में हर साल कन्वर्जन चार्ज लेने का नियम था, जिसे प्रॉपर्टी टैक्स की विभिन्न कैटिगरी के साथ जोड़ा गया था। कमिटी जो जांच कर रही है उसमें इन इलाकों में दो बड़ी खामियां पाई जा रही हैं। ग्राउंड के अलावा ऊपरी मंजिलों पर भी कमर्शल गतिविधियां चलाई जा रही हैं। इसके अलावा हर साल दिए जाने वाला कन्वर्जन चार्ज भी एमसीडी को नहीं दिया जा रहा है, इसलिए उनके खिलाफ एक्शन अवश्य होगा। इसमें सीलिंग के अलावा ब्याज व पैनल्टी समेत कन्वर्जन चार्ज वसूलना शामिल है। इसी एक्शन के तहत डिफेंस कॉलोनी, छतरपुर आदि इलाकों में सीलिंग की कार्यवाही की गई।
अपने इसी अभियान को लेकर कल मंगलवार को मॉनिटरिंग कमेटी ने हाई लेवल मीटिंग बुलाई है, जिसमें तीनों एमसीडी के कमिश्नरों के अलावा संबंधित विभागों के अफसरों को भी बुलाया गया है। सूत्र बताते हैं कि इस मीटिंग में कमिटी तीनों कमिश्नरों से इस बात की जानकारी लेगी कि जिन इलाकों को कमर्शल या मिक्स लैंड यूज घोषित किया गया उनका फिलहाल स्टेटस क्या है। वहां मास्टर प्लान के अनुसार गतिविधियां चल रही हैं या बड़े विस्तार पर बदलाव किए जा चुके हैं। कमिश्नरों से यह भी पूछा जा सकता है कि इस दौरान जो कन्वर्जन चार्ज वसूला गया, उसका क्या किया गया। क्या उसे कमर्शल इलाकों के विकास में खर्च किया गया या उसका अन्य उपयोग कर लिया गया।
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