हमें तो कार्बाइन वाला गनर चाहिए

सुरेंद्र राम, ग्रेटर नोएडा : आजकल पुलिस विभाग शासन से सुरक्षा प्राप्त नेताओं की एक डिमांड से ख़ासा परेशान है। कई नेता अपनी सुरक्षा में लगे सिपाहियों के हाथ में राइफल देखना पसंद नहीं कर रहे। उनकी फरमाइश कार्बाइनधारी गनर की है। जिले के कई नेता इसके लिए जुगाड़ में लगे हैं। सूत्र बताते हैं कि ऐसे लोगों की तादाद करीब 50 है। दूसरी तरफ पुलिस पुलिस लाइन के इंचार्ज कार्बाइन कम होने की बात कहते हुए नेताजी को राइफल वाले गनर से ही काम चलाने को कह रहे हैं।
जिले में करीब 200 लोगों को पुलिस की सिक्युरिटी मिली है। किसी को पूरी गारद मिली है तो किसी को सिर्फ एक गनर। सुरक्षा प्राप्त लोगों में नेताओं की तादाद सबसे ज्यादा है। जिले के करीब 500 पुलिसकर्मी सिक्युरिटी में ही लगाए गए हैं। यहां के नेता अक्सर बड़ी गाड़ियों में नजर आते हैं। उनकी गाड़ी में गनर और ड्राइवर के अलावा अपने लोग भी होते हैं। एक नेताजी का कहना है कि राइफल गाड़ी में रखने में दिक्कत होती है। बार-बार साथ बैठे लोगों से राइफल टच भी होती है, जबकि कार्बाइन से यह दिक्कत नहीं होती। राइफल करीब 44 सेंटीमीटर लंबी होती है, जबकि कार्बाइन करीब 36 सेंटीमीटर की। इन दोनों में करीब 8 सेमी का अंतर होता है।
सिर्फ नेताजी की ही नहीं, बल्कि सुरक्षा में लगे गनर की भी ख्वाहिश कार्बाइन साथ लेकर चलने की है। कई नेता तो सिर्फ इसलिए कार्बाइन की डिमांड कर रहे, क्योंकि गनर उन्हें इसके लिए फोर्स कर रहा है। अपने गनर को कार्बाइन दिलाने के लिए नेताजी रसूख रखने वाले बड़े नेताओं से भी सिफारिश लगवा रहे हैं। कुछ नेताओं को इसका लाभ भी मिला है और उनके गनर से राइफल वापस लेकर कार्बाइन दे दी गई है। वहीं सभी की डिमांड कार्बाइन होने से पुलिस लाइन में इसकी कमी हो गई है।

वर्जन
जिन लोगों को पुलिस सुरक्षा मिली हुई है उनमें से अधिकतर अपने गनर के लिए कार्बाइन की डिमांड कर रहे हैं। विभाग के पास इसकी कमी है।
– बलबिंदर सिंह, इंचार्ज, पुलिस लाइन

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