हमारे पास किस्से हैं, बातें हैं, यादें हैं: सुभाष घई
|‘हिंदी सिने जगत के पास किस्से हैं। कहने को नई बातें हैं। बेहद समृद्ध इतिहास है। लिहाजा हमें वर्ल्ड सिनेमा या हॉलीवुड से डरने की जरूरत नहीं हैं। हम कंटेंट के मामले में बाकी दुनिया के सिनेमा से कतई कमतर नहीं।’ ये बातें दर्शकों ढाई दशक तक रोचक, प्रेरक, रोमांचक