स्विट्जरलैंड के लोगों ने ‘घर बैठे’ पैसे देने के प्रस्ताव के खिलाफ की वोटिंग

जिनीवा
स्विट्जरलैंड के देशवासियों ने देश के हर नागरिक को जीवनयापन के लिए पर्याप्त धन उपलब्ध कराने के प्रस्ताव को सिरे से खारिज कर दिया है। ऐसा शायद दुनिया में पहली बार है जब ऐसे किसी प्रस्ताव को किसी देश में नागरिकों के बीच रखा गया था। इस प्रस्ताव में लोगों से पूछा गया था कि क्या वे देश के नागरिकों के लिए एक तय इनकम के प्रावधान का समर्थन करते हैं या नहीं? इन नागरिकों में वे लोग भी शामिल थे, जो स्विट्जरलैंड में पांच साल से ज्यादा लंबे समय से बतौर कानूनी निवासी के तौर पर रह रहे हैं।

क्षेत्रीय वोटिंग सेवा के मुताबिक, शनिवार सुबह 10 बजे शुरू हुई इस वोटिंग को दोपहर तक चलना था, लेकिन यह शाम तक चली। जिनीवा में 47.4 फीसदी लोगों ने वोटिंग की। इस प्रस्ताव पर स्विस सरकार और देश की लगभग सभी राजनीतिक पार्टियों ने लोगों से इसके विरोध में वोटिंग करने का अनुरोध किया था। ताजा नतीजों में लोगों ने जमकर इसके खिलाफ वोटिंग की और इसे सिरे से खारिज कर दिया।

बेसिक इन्कम (UBI) के समर्थकों का कहना था कि आज के समय में जब जॉब ढूंढ़ना मुश्किल है, इस तरह की आय से देश को गरीबी और गैरबराबरी से लड़ने में मदद मिलेगी।

प्रस्ताव मंजूर होने पर लोगों को कितनी धनराशि तय बेसिक इनकम के तौर पर दी जाती, यह तय नहीं था। लेकिन इस पूरे कार्यक्रम के पीछे काम करने वाले संगठन ने यह इन्कम 2500 स्विस फ्रैंक्स (करीब 1,71,100 रुपए) और बच्चों के लिए 625 स्विस फ्रैंक्स (42,775 रुपए) प्रतिमाह निर्धारित करने की मांग की थी।

विरोधियों ने इस प्रस्ताव को एक ‘मार्क्सवादी सपना’ करार दिया था। उन्होंने प्रस्ताव के मंजूर होने पर कीमतों में बेतहाशा वृद्धि और बड़ी तादाद में लोगों के जॉब छोड़ने की आशंका जताई थी। वहीं, इस प्रस्ताव के समर्थकों का कहना था कि लोग प्राकृतिक तौर पर एक तय बेसिक इनकम चाहते हैं, जिससे वे अपने मनपसंद का काम कर सकेंगे।

वोटिंग से पहले इस प्रस्ताव के मुख्य प्रचारकों में से एक राल्फ कंडिग ने एएफपी से बातचीत में कहा था, ‘सदियों से बेसिक इन्कम के इस कॉन्सेप्ट को एक आदर्श के तौर पर देखा गया है, लेकिन आज के समय में न सिर्फ यह संभव है बल्कि बेहद जरूरी भी है।’

अंग्रेजी में पढ़ें: No, thanks: Swiss voters reject ‘money for nothing’ salary proposal

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