स्वाइन फ्लू की दवा के लिए मारामारी
| दवाइयों की किल्लत को देखते हुए हेल्थ डिपार्टमेंट ने पेशंट को 2 दिन की खुराक देने के लिए निर्देश दिए हैं। वहीं, बुधवार को स्वाइन फ्लू के 15 संदिग्ध मरीज आए, जिनमें एक 2 साल का बच्चा भी है। अब तक जिले में 32 स्वाइन फ्लू के पेशंट की पुष्टि हो चुकी है। मंगलवार को ही डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में स्वाइन फ्लू की दवा खत्म हो गई थी। बुधवार दोपहर तक डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में करीब 15 लोग स्वाइन फ्लू की दवा लेने आए, लेकिन दवाई के न होने की वजह से इमरजेंसी में बैठे स्टाफ से लड़ने लगे। परेशान होकर हॉस्पिटल मैनेजमेंट ने इन मरीजों को हेल्थ डिपार्टमेंट भेज दिया। हेल्थ डिपार्टमेंट ने स्वाइन फ्लू के खतरे को देखते हुए 3000 दवाइयों की डिमांड भेजी थी, लेकिन इनमें से 13 फरवरी को 300 और 1000 टैबलेट बुधवार को मिलीं। हेल्थ डिपार्टमेंट ने अभी 10 हजार दवाइयों की और डिमांड की है। डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में बुधवार को 15 संदिग्ध सैंपल सामने आए हैं। इसमें 9 पुरुष, 5 महिलाएं और दो साल का एक बच्चा है। इन सैंपलों को हेल्थ डिपार्टमेंट में जांच के लिए भेज दिया गया है। स्वाइन फ्लू को लेकर होम्योपैथिक संस्था में भी रिसर्च शुरू हो गई है। बुधवार को सेक्टर-24 स्थित केंद्रीय होम्योपैथिक संस्थान के डॉक्टर हेल्थ डिपार्टमेंट में स्वाइन फ्लू के मरीजों की डिटेल लेने आए थे। हालांकि अभी होम्योपैथिक में नॉर्मल फ्लू में इन्फ्लूएन्जियम नाम की दवा दी जा रही है। एक होम्योपैथिक फार्मेसी के ओनर राजेंद्र तोमर ने बताया कि फ्लू की इस मेडिसीन की डिमांड बढ़ गई है। एक दिन में 150 से ज्यादा दवाइयां खरीदी जा रही हैं। डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल और हेल्थ डिपार्टमेंट में स्वाइन फ्लू की दवा दी जा रही है। लेकिन यहां इंफेक्शन कंट्रोल टीम नहीं बनाई गई है और फिर सेंट्रलाइज्ड एसी होने की वजह से भी इंफेक्शन फैलने का खतरा रहता है। इस हॉस्पिटल में रोजाना करीब 3 हजार मरीज अपना इलाज कराते हैं। ऐसे में इन मरीजों को एतियात रखने की सलाह दी गई है। दूसरे मरीजों को इंफेक्शन न हो जाए, इसी डर की वजह से हॉस्पिटल मैनेजमेंट स्वाइन फ्लू के मरीजों को एडमिट भी नहीं कर रहा है।
बुधवार को स्वाइन फ्लू की दवा खत्म होने पर इसे लेने आए लोगों का डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल के स्टाफ से झगड़ा हो गया। दोपहर करीब 2:30 बजे डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल को दवाइयां मिल पाईं।