स्टार बनने के बाद भी नहीं बदले अर्जुन:एक्टर की तारीफ में बोलीं भूमि पेडनेकर- नए कलाकारों को आगे बढ़ाते हैं
|अर्जुन कपूर, भूमि पेडनेकर, रकुल प्रीत स्टारर फिल्म ‘मेरे हसबैंड की बीवी’ 21 फरवरी को थियेटर में लग जाएगी। फिल्म के ट्रेलर में अर्जुन, भूमि और रकुल की कॉमेडी दर्शकों को पसंद आ रही है। अर्जुन और भूमि दूसरी बार स्क्रीन पर साथ दिखेंगे। इससे पहले दोनों ने साल 2023 में फिल्म ‘द लेडी किलर’ में काम किया। ये एक क्राइम थ्रिलर मूवी थी। दैनिक भास्कर से खास बातचीत में अर्जुन और भूमि ने फिल्म को लेकर अपना एक्सपीरियंस शेयर किया है। साथ ही, बतौर को-स्टार एक-दूसरे की खूबियों पर बात की है। अर्जुन कपूर और भूमि पेडनेकर से बातचीत के प्रमुख अंश..… सवाल- आपकी फिल्म दावा करती है कि ये लव ट्रायंगल नहीं, सर्कल है। इस लव सर्कल के बारे में बताइए? जवाब/ भूमि- हमारी फिल्म में बहुत सारी मस्ती है। जो एनर्जी आपको हम से बात करके महसूस हो रही है, ऐसी ही एनर्जी हमारी फिल्म में देखने को मिलेगी। हमने बहुत मजे किए क्योंकि फिल्म कॉमेडी है। कॉमेडी करना सबसे मुश्किल काम होता है। हमारे डायरेक्टर मुदस्सर अजीज बहुत कमाल के हैं। उन्होंने हम सबकी लगाम खींच के रखी थी ताकि हम फैले नहीं। उन्होंने हमें इतना पुश किया था कि जो भी पंचेज लिखे गए हैं, वो खूबसूरती से डायलॉग डिलीवरी में आ सके। फिल्म में बहुत सारा कंफ्यूजन है। दो औरतें हैं। रकुल प्रीत जो कि फिल्म में अंतरा खन्ना का रोल निभा रही हैं। मैं प्रभलीन कौर ढिल्लों का रोल कर रही हूं। मैं अमृतसर से हूं और रकुल साउथ दिल्ली से होती हैं। हम दोनों के आइडियोलॉजी में बहुत सारा क्लैश होता है। उस क्लैश की गर्मी अर्जुन को सहन करनी पड़ती है। इस कंफ्यूजन में हमारी फैमिली भी शामिल हो जाती है और रायता फैल जाता है। अर्जुन- बेचारा क्लैश में कैलाश फंस जाता है। सवाल- भूमि, अर्जुन के कॉमेडी करने का तरीका अलग है, उनके रिएक्शन एकदम सहज लगते हैं, इसके बारे में आप क्या कहेंगी? जवाब/ भूमि- मैं आपको ये बताना चाहूंगी कि अर्जुन जितने स्ट्रेट फेस दिखते हैं, इंसान के तौर पर वो उतने ही मजाकिया हैं। आप जब हाजिर जवाब होते हैं तो वो काफी इंटेलिजेंस और सिक्योरिटी के साथ आता है। मैं जितनी भी देर अर्जुन के साथ रहती हूं, मैं सिर्फ हंसते रहती हूं। इनफेक्ट मेरा जब भी मूड खराब होता है, मैं इन्हें कॉल कर लेती हूं। मुझे पता है कि उनसे बात करके मैं अच्छा महसूस करूंगी। अर्जुन की पर्सनैलिटी भारी है लेकिन वो सच में बहुत फनी हैं। सवाल- कॉमेडी मुश्किल जॉनर है। जितने बड़े कॉमेडियन रहे हैं उनकी असल जिंदगी में काफी दर्द रहा है। कॉमेडी फिल्म करने के लिए आप लोगों का प्रोसेस क्या है? जवाब/अर्जुन- मैं अपना बताऊं तो निजी जीवन में व्यंग्य पर काफी यकीन करता हूं। अपने आसपास जो चीजें हो रही हैं, उस पर रिएक्शन देना। वो एक अलग तरह का ह्यूमर होता है।लेकिन जब आप फिल्म करते हैं, तो आपको फिल्म के टोन में बहना पड़ता है। आपको ये समझने की जरूरत होती है कि डायरेक्टर आपसे क्या चाहता है। कॉमेडी में आपको अपने डायरेक्टर पर पूरी तरह से भरोसा करना होता है। आपको अपने को-एक्टर के साथ ऑफ कैमरा केमिस्ट्री बनानी होती है। आपको सहज होना पड़ता है। अगर आप ये सोचने लगे कि ये करते हुए मैं कैसा दिखूंगा तो फिर आप कॉमेडी नहीं कर पाएंगे। आपको सेट पर सब कुछ भूलकर फ्रेश माइंड से आना पड़ता है। तभी आप अपने ऊपर चीजें ले सकते हैं और उसे अपने डायलॉग में डिलीवर कर पाएंगे। मुझे लगता है कि कॉमेडी के लिए तैयारी से ज्यादा आपको उस पल में रिलैक्स होना होता है। हम तीनों में से सबसे अच्छी कॉमिक टाइमिंग भूमि की है। इसकी टाइमिंग लाजवाब है। और जिस तरह से ये खुद को एक्सप्रेस करती है, वो कमाल है। कुछ चेहरे बहुत खूबसूरत होते हैं लेकिन एक्सप्रेस नहीं कर पाते। खूबसूरती में दबकर रह जाते हैं। लेकिन भूमि के पास एक मासूम चेहरा है और शरारती आंखें हैं। और ये इसका पूरा फायदा उठाती है। ये सच में बहुत अच्छी कॉमिक एक्टर है। सवाल- भूमि आपके को-स्टार ने आपकी इतनी तारीफ कर दी। अब आप अपना प्रोसेस बताइए। जवाब/ भूमि- मेरा कोई प्रोसेस नहीं हैं। मेरा कुछ तय नहीं होता है। हर फिल्म का और किरदार का मेथड अलग होता है। मुदस्सर सर के साथ ये मेरी दूसरी फिल्म है। वो काफी क्लियर हैं कि उन्हें किस तरह की परफॉर्मेंस चाहिए। ‘पति-पत्नी और वो’ में मेरे पास इम्प्रोवाइज करने की बहुत छूट थी। लेकिन इस फिल्म के लिए उन्होंने मुझसे कहा था कि भूमि मैंने डायलॉग बहुत सोच समझकर लिखे हैं ताकि पंच सही से निकले। तो तुम उस बात का ध्यान रखो बाकी आगे-पीछे जो एक्सपेरिमेंट करना है वो तुम कर सकती हो। मेरी मेरे डायरेक्टर के साथ एक अच्छी ट्यूनिंग थी, जिस वजह से मैं अच्छा कर पाई। सवाल- मल्टीस्टारर फिल्म होने के बाद भी अर्जुन काफी सिक्योर लगते हैं। उसके पीछे की वजह? जवाब/भूमि- बेशक, मैं अर्जुन के लिए कहना चाहूंगी कि वह सबसे सिक्योर को-एक्टर में से एक हैं, जिनके साथ मैंने साथ काम किया है। अर्जुन को अपने साथी कलाकारों से और उनकी परफॉर्मेंस से कोई इनसिक्योरिटी नहीं होती है। बहुत कम ऐसा होता है, जब सेट पर फिल्म का हीरो खुद से ज्यादा फिल्म की चिंता करता हो। अर्जुन नारियल की तरह हैं। जो बाहर से तो सख्त है लेकिन अंदर से नरम है। वो लोगों को प्रोत्साहित करते हैं। जिसने भी अर्जुन के साथ काम किया है, वो इस बात को जानता होगा कि अर्जुन एक बेहद सिक्योर, दयालु और सिखाने वाले इंसान हैं। सवाल- अर्जुन, आप अपने को-स्टार की दिल खोल के तारीफ करते हैं, सेट पर एक सहज माहौल बनाते हैं। ये आप कैसे करते हैं? जवाब/अर्जुन- मुझे फिल्म मेकिंग से बहुत लगाव है। मुझे फिल्म बनाने में बहुत मजा आता है। मुझे अगर आस-पास ईमानदार लोग दिखते हैं तो मुझे लगता है कि उन्हें बढ़ावा देना चाहिए। अगर कोई अच्छा काम कर रहा है तो इसमें इनसिक्योर क्यों होना है? आपको खुश होना चाहिए कि इससे आपकी फिल्म को मदद मिलेगी। ‘2 स्टेट्स’ में अगर आलिया अपना बेस्ट नहीं देती तो वो फिल्म शायद उतनी इफेक्टिव नहीं होती। अगर आपको अपनी काबिलियत पर शक होता है, तभी आप असुरक्षित महसूस करते हैं। मैं अपनी काबिलियत जानता हूं। शायद मेरी परवरिश ऐसी रही है। शायद मैं एक प्रोड्यूसर का बेटा हूं इसलिए को-एक्टर की अहमियत समझता हूं। मैं हमेशा से सच और मुंह पर बोलने में यकीन रखता हूं। अगर मुझे कुछ पसंद नहीं आया तो मुंह पर बोल दूंगा और अगर कोई पसंद है तो उसे बढ़ावा दूंगा। मुझे मल्टीस्टारर फिल्म करना पसंद है। आप मेरी फिल्मों को देख लीजिए। सवाल- आप दोनों ने एक-दूसरे की जर्नी देखी है। शुरुआत से अब तक कितना बदलाव आया है दोनों में? जवाब/अर्जुन- जब भूमि ने ऑडिशन दिया था, तब उसे पता भी नहीं था कि वो एक्टर बनेगी। ‘दम लगा के हईशा’ के लिए वो लोग किसी और को ढूंढ रहे थे। भूमि ने तो बस रेफरेंस के लिए वो परफॉर्म किया था। जब YRF की कास्टिंग डायरेक्टर शानू शर्मा ने मुझे भूमि को लेकर बताया तो मुझे बहुत खुशी हुई थी। उन्होंने ही सबसे पहले हम दोनों को कास्ट किया था। वो हमारी दोस्त भी हैं। पहली बार मैंने देखा कि किसी के मोटापे को बॉडी पॉजिटिविटी की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है। मैंने ओवर वेट का फेज झेला है। फिल्म वालों की हिम्मत थी कि उन्होंने भूमि को कास्ट किया। भूमि में हिम्मत थी कि वो जैसी थी, उसी तरह उसने उस रोल को निभाया। आपने हमारे प्रोफेशन में भूमि जैसा डेब्यू नहीं देखा होगा। उस जर्नी से लेकर इस फिल्म तक आना कोई आसान बात नहीं है। भूमि ने अपने आप पर बहुत काम किया है। मैं भूमि को लेकर बहुत प्राउड हूं। जवाब/भूमि- मैंने और अर्जुन ने लगभग साथ में करियर शुरू किया था। अर्जुन ‘इशकजादे’ से पहले ‘वायरस दीवान’ नाम की फिल्म कर रहे थे, तब मैंने कास्टिंग असिस्टेंट का काम शुरू किया था। उस दौरान मैं उन्हें देखती थी। मैं उनके प्रोसेस में एक छोटा सा हिस्सा रही हूं। मैंने इशकजादे की कास्टिंग की थी। ह्यूमैनिटी के ग्राउंड पर अर्जुन के लिए मेरे पास जो सबसे बड़ा कॉम्प्लीमेंट है, वो ये कि स्टार बनने के बाद भी मेरे प्रति बदले नहीं। मेरे साथ कई बार ऐसा हुआ है कि जिन एक्टर का मैंने ऑडिशन किया है, वो स्टार बनने के बाद मुझे देखते तक नहीं थे। लेकिन अर्जुन सबके साथ एक जैसे रहे हैं और ये एक अच्छे इंसान होने की निशानी हैं। जहां तक करियर की बात है तो इनकी ‘इशकजादे’ मेरी मोस्ट फेवरेट फिल्म है। ‘संदीप और पिंकी’ फरार भी बेहद खूबसूरत फिल्म थी। दोनों फिल्मों में वो निखरकर सामने आए। वह बहुत संवेदनशील अभिनेता हैं। वो भी स्ट्रेंथ के साथ। मैं उनकी बहुत बड़ी फैन हूं। अर्जुन असल में देसी नहीं हैं, लेकिन वो इन किरदारों को बेहतरीन तरीके से करते हैं। जब भी वो ऐसा रोल करते हैं तो मेरे अंदर की फैन गर्ल बाहर आ जाती है।