स्कूटी लेकर पिज्जा पार्लर पहुंच गए, बोले- नौकरी चाहिए:लोग सस्ता जॉनी डेप कहकर चिढ़ाते थे; बाद में इतना फेमस हुए कि घर बदलना पड़ा

पहले फिल्मों में आने के लिए ऑडिशन देने पड़ते थे। सोर्स लगवाना पड़ता था। जी हुजूरी करनी पड़ती थी। फिर आया स्मार्टफोन का युग। लोग इसके जरिए वीडियोज बनाकर अपने टैलेंट का प्रदर्शन लगे। दिल्ली का रहने वाला एक लड़का 2015 में ऐसे ही कुछ वीडियोज की वजह से फेमस हो गया। धीरे-धीरे वो यूट्यूब का स्टार बन गया। करोड़ों में सब्सक्राइबर्स हो गए। दिल्ली से मुंबई आने में वक्त नहीं लगा। बेहद कम टाइम में वो एक यूट्यूबर से सेलिब्रिटी बन गया। हम बात कर रहे हैं भुवन बाम की। भुवन अब प्रोड्यूसर बन चुके हैं और खुद के तीन वेब शोज बना चुके हैं। प्रोड्यूसर क्यों बने, इसके पीछे भी कहानी है। आज सक्सेस स्टोरी में बात यूट्यूबर से एक्टर बने भुवन बाम की। लेकिन उससे पहले यह तस्वीर देखिए.. स्कूल में टीचर्स की मिमिक्री करते थे, साथ में गाने का शौक था बचपन को याद करते हुए भुवन ने कहा, ‘मैं स्कूल में टीचर्स की मिमिक्री करता था। घर में सबका ह्यूमर तगड़ा था, इसलिए बचपन से मेरा स्वभाव भी मजाकिया ही था। हालांकि, इससे इतर म्यूजिक में मेरा सबसे ज्यादा मन लगता था। मैं गाने गाता था। चौथी कक्षा में था, जब घरवालों ने म्यूजिक क्लास लगवा दी थी। फैमिली को लगता था कि मैं सिंगर बन सकता हूं।’ पिज्जा पार्लर जाकर कहा- डिलीवरी बॉय की जॉब चाहिए भुवन कम उम्र में ही पैसे कमाना चाहते थे। उन्हें घर वालों से पैसे मांगने में शर्म आने लगी थी। ऐसा नहीं था कि पेरेंट्स पैसे नहीं देते थे। एक बार तो वे इतना परेशान हो गए कि स्कूटी लेकर पिज्जा पार्लर पहुंच गए। भुवन ने अंदर जाकर कहा- मुझे डिलीवरी बॉय की जॉब चाहिए। पिज्जा वाले ने उन्हें ऊपर से नीचे तक देखा। उसने झल्लाते हुए कहा कि पढ़ाई-लिखाई की उम्र है, अभी उस पर ध्यान दो। उसने भुवन को वहां से भगा दिया। दिल्ली यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया, लेकिन पढ़ाई से मोहभंग हुआ इस बीच भुवन की पढ़ाई जारी रही। उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के शहीद भगत सिंह कॉलेज से हिस्ट्री में ग्रेजुएशन किया। भुवन कहते हैं, ‘मैं सिर्फ अपने दोस्तों के नाते दिल्ली यूनिवर्सिटी में एडमिशन लेना चाह रहा था। हालांकि, वहां के एक कॉलेज का कटऑफ 93% था, मेरे कुछ 75 प्रतिशत थे। इतने मार्क्स में तो सिर्फ हिस्ट्री डिपार्टमेंट मिल रहा था। मैंने भी आखिरकार उसमें ही एडमिशन ले लिया। अब एडमिशन तो दोस्तों को ध्यान में रखकर लिया था, लेकिन हमारी क्लासेज अलग-अलग टाइमिंग पर लगती थीं। दोस्तों से मिलना-जुलना नहीं हो पाता था। इसी वजह से धीरे-धीरे पढ़ाई-लिखाई से मोहभंग होने लगा।’ भुवन रेस्टोरेंट में गाना गाने लगे, 3500 रुपए मिलते थे पढ़ाई वाला चैप्टर खत्म होने के बाद भुवन अब सिंगिंग में पूरी तरह उतरना चाहते थे। किसी जानने वाले के जरिए उन्हें दिल्ली के मोती महल रेस्टोरेंट में डेली के हिसाब से काम मिल गया। भुवन ने आगे कहा, ‘मेरा काम बस गिटार लेकर खड़े रहना था। इस काम के लिए मुझे एक महीने के 3500 रुपए मिले थे। मैंने सोचा कि सिर्फ गिटार लेकर खड़े रहने पर पैसे मिल रहे हैं, अगर सीख लिया तो कितने पैसे मिलेंगे। फिर मैंने गिटार सीखना शुरू किया। हालांकि, मैं गिटार लेकर गुनगुनाता रहता था, लोग इधर-उधर घूमते रहते थे। कोई हाथ में बीयर लिए पड़ा है, तो कोई अपनी मस्ती में खोया है। मेरे गाने पर तो कोई ध्यान ही नहीं देता था। उस वक्त काफी अजीब फील होता था। लगता था कि टैलेंट की कोई कद्र ही नहीं है। चूंकि मुझे इस काम के पैसे मिलते थे, इसलिए चुपचाप करके निकल जाता था।’ चाहे जैसे भी, लेकिन सिंगिंग में भुवन का काम ठीक-ठाक चल रहा था। फिर ऐसा क्या हुआ कि भुवन सोशल मीडिया पर वीडियोज बनाने लगे? दरअसल, बात 2014 की है। कश्मीर में भयंकर बाढ़ आई। एक रिपोर्टर ने वहां से बिना किसी संवेदना के बड़ी अजीब रिपोर्टिंग की थी। भुवन ने उसी पर कटाक्ष करते हुए फेसबुक पर एक वीडियो पोस्ट किया। देखते ही देखते वो वीडियो वायरल हो गया। वो वीडियो भारत से ज्यादा पाकिस्तान में वायरल हुआ था। शुरुआत में तो भुवन को पाकिस्तानी समझा जाता था। दिल्ली के लोग जब भुवन से मिलते तो पाकिस्तानी समझकर आप, जनाब, हुजूर, आदाब जैसे शब्दों का इस्तेमाल करते। पिता को शराब की लत थी, भुवन ने टोका, लेकिन फर्क नहीं पड़ा भुवन हर दिन के साथ सेंसेशन बनते जा रहे थे। यूट्यूब से हर महीने अच्छे पैसे आ रहे थे। देखते ही देखते वे देश के सबसे बड़े यूट्यूबर्स में शुमार हो गए। हालांकि, पर्सनल लाइफ में चीजें कुछ सही नहीं थीं। दरअसल, उनके पिता को शराब पीने की लत थी। समय के साथ उनका डोज बढ़ता जा रहा था। शुरुआत में तो भुवन को कोई फर्क नहीं पड़ता था, लेकिन बाद में उन्हें भी लगा कि यह आदत सही नहीं है। उन्होंने एक दो बार टोकने की भी कोशिश की, लेकिन पिता पर कोई असर नहीं पड़ा। आलम यह था कि एक तरफ भुवन 10 मिलियन सब्सक्राइबर पूरे होने का केक काटते थे, दूसरी तरफ घर में क्लेश जैसा माहौल था। घर पर बहसबाजी होने लगी थी कई बार ऐसा होता था कि बाप-बेटे में काफी बहस भी हो जाती थी। घर में बहसबाजी के बीच में भुवन पूरी शिद्दत के साथ वीडियोज बनाते थे। अपने चेहरे पर चिंता की लकीरें नहीं आने देते थे। कहा जाता है कि लोगों को रुलाना तो बहुत आसान है, लेकिन हंसाना बहुत मुश्किल है। भुवन की जिंदगी में चीजें उतनी बेहतर नहीं थीं, फिर भी वे अलग-अलग किरदारों के जरिए लोगों को हंसाने का काम करते थे। लोग सस्ता जॉनी डेप बुलाते थे, परेशान होते थे भुवन शुरुआत में भुवन अपने बाल बड़े रखते थे। वीडियोज में वे हमेशा लंबे बालों में ही देखे गए। नैन नक्श देखकर लोग इन्हें सस्ता जॉनी डेप कहते थे। उनके कमेंट बॉक्स में लगातार ये बातें लिखी जाती थीं। शुरुआत में भुवन थोड़े-बहुत परेशान भी होते थे। हालांकि बाद में इसे सकारात्मक तौर पर लेने लगे। हुआ यूं कि वे एक बार अवॉर्ड के सिलसिले में साउथ कोरिया गए थे। वहां इन्हें सच में किसी ने जॉनी डेप कहकर पुकारा। तब से भुवन को यह बात बुरी नहीं लगी। फनी टॉक शो के पहले एपिसोड में शाहरुख को बुला लिया भुवन ने इसी बीच यूट्यूब पर टीटू टॉक्स नाम से एक फनी टॉक शो शुरू किया। सीरीज के पहले एपिसोड में ही उन्होंने शाहरुख खान को बुला लिया। कुछ लोग भुवन की लाइफ जर्नी को शाहरुख से मिलाते हैं। दोनों दिल्ली से हैं, दोनों का कोई बैकग्राउंड नहीं है। दोनों अपने-अपने क्षेत्र में अव्वल भी हैं। इस तुलना पर भुवन कहते हैं, ‘जो लोग कंपेयर करते हैं, मैं उनकी भावनाओं की कद्र करता हूं, लेकिन मेरा और शाहरुख सर का एक सेंटेंस में नाम लेना भी पाप है। अभी की तो बात ही छोड़िए। मैं अगले 30 साल में 0.5 पर्सेंट भी उनके जितना अचीव कर पाया तो बहुत होगा। यह कंपैरिजन वाली बात सुनकर मुझे घबराहट होती है।’ यूट्यूब पर वीडियोज बनाने के दौरान भुवन को लगने लगा कि वे फिल्में और सीरीज भी कर सकते हैं, लेकिन रिजेक्शन मिलने शुरू हुए भुवन को महसूस हुआ कि वे अभी भी अपने टैलेंट के साथ पूरी तरह न्याय नहीं कर रहे हैं। उन्हें लगा कि फिल्मों और सीरीज में काम करना चाहिए, जिससे लोगों को बता सकें कि वे सिर्फ छोटे-छोटे वीडियोज बनाने के लिए नहीं बने हैं। हालांकि, जब काम मांगने गए तो सामने से कहा गया- तू सिर्फ चारदीवारी के अंदर वीडियोज बना। फिल्में-सीरीज करना तेरे बस की बात नहीं है। रिजेक्शन से तंग आकर प्रोडक्शन हाउस स्टार्ट किया अब मुंह पर ऐसी बात सुनकर भुवन के पास करने को दो काम थे। पहला यह कि रिजेक्शन से दुखी होकर बैठ जाते। या फिर दूसरा यह कि सच में वापस चारदीवारी के अंदर कॉमेडी वीडियोज बनाने लगते। भुवन ने यह दोनों नहीं किया। बल्कि उन्होंने खुद का प्रोडक्शन हाउस लॉन्च किया- BB की वाइन्स प्रोडक्शन। आज भुवन स्क्रिप्ट रिजेक्ट करते हैं BB की वाइन्स प्रोडक्शन के बैनर तले पहले उन्होंने सीरीज ढिंढोरा बनाई। फिर ताजा खबर बनाई। इसका सीजन-2 भी निकाला। अभी ढिंढोरा सीजन-2 आने वाला है। भुवन के पास अगले साल एक फिल्म भी है। आलम यह है कि जिस भुवन को इंडस्ट्री ने रिजेक्ट किया, आज वही भुवन लाइन से स्क्रिप्ट रिजेक्ट कर रहे हैं। भुवन का कहना है कि वे किसी फिल्म के लिए तभी हां कहेंगे, जब उन्हें एक सम्मानजनक रोल मिलेगा। अगर उन्हें सिर्फ कॉमेडी कैरेक्टर के तौर पर देखा जाएगा, तो मना कर देंगे। अब सपना फिल्म बनाने का भुवन का सपना है कि वे एक फिल्म बनाएं, जिसे लोग फैमिली के साथ देखने आएं। बिना किसी एडल्ट सर्टिफिकेट के बच्चे भी इस फिल्म को एन्जॉय कर सकें। ———————– इससे जुड़ी ये खबर भी पढ़ें.. लोग बोले- तुम एक्टर बने तो नाम बदल देंगे:जानलेवा एक्सीडेंट हुआ, डर था फिल्म से निकाल दिए जाएंगे इंडस्ट्री का एक ऐसा आउटसाइडर जो फेसबुक और गूगल के जरिए ऑडिशन पता करता था। ऑडिशन लेने वाले मुंह पर कहते थे कि तू कभी एक्टर नहीं बन पाएगा। कभी फिल्में मिल भी जाती थीं तो ऐन वक्त पर उससे निकाल दिया जाता था। हालांकि, यह आत्मविश्वास ही था कि ऐसी कठिनाइयां उसके सपनों को रौंद नहीं पाईं। हम बात कर रहे हैं एक्टर कार्तिक आर्यन की। पूरी खबर पढ़ें..

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