सोलर पावर से चलेगा दिल्ली सचिवालय
| प्रमुख संवाददाता, नई दिल्ली दिल्ली को सोलर सिटी के रूप में विकसित करने के मकसद से दिल्ली सरकार ने एक और बड़ा फैसला किया है। दिल्ली सचिवालय, जहां दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और चीफ सेक्रेटरी केके शर्मा समेत सरकार के तमाम बड़े अधिकारियों और कैबिनेट मंत्रियों के दफ्तर मौजूद हैं, वह जल्द ही पूरी तरह सोलर एनर्जी से जगमगाएगा। यहां की बिजली से जुड़ी सभी जरूरतें सोलर एनर्जी से ही पूरी की जाएंगी। दिल्ली सरकार इसके लिए भारत सरकार की मिनिस्ट्री ऑफ न्यू एंड रीन्यूवेबल एनर्जी (एमएनआरई) के सहयोग से आईपी एस्टेट के इंद्रप्रस्थ पावर स्टेशन के परिसर में खाली पड़ी जमीन पर 3 मेगावॉट की कैपिसिटी वाला ग्राउंड आधारित सोलर पावर प्लांट लगाने जा रही है। दिल्ली सरकार का दावा है कि इस सोलर प्लांट के जरिए दिल्ली सचिवालय को 25 सालों तक पावर सप्लाई की जा सकेगी। इंद्रप्रस्थ पावर स्टेशन दिल्ली सचिवालय के पास ही है, इसलिए सरकार ऐसी व्यवस्था करेगी कि सोलर प्लांट से जनरेट होने वाली बिजली को सीधे दिल्ली सचिवालय तक सप्लाई किया जा सके। इस परियोजना के लागू होते ही दिल्ली सचिवालय देश का एकमात्र ऐसा स्टेट सेक्रेट्रेरियट बन जाएगा, जो पूरी तरह रीन्यूवेबल और ग्रीन एनर्जी पर आधारित होगा और उसकी बिल्डिंग भी पूरी तरह एनवायरनमेंट फ्रेंडली होगी। यह प्लांट मॉडर्न तकनीक पर आधारित होगा। इसमें एक ट्रैकर मैकेनिज्म भी होगा, जो अधिकतम आउटपुट के लिए सूरज के मूवमेंट को भी ट्रैक कर सकेगा। इसके अलावा भी दिल्ली सचिवालय की इमारत को ग्रीन बिल्डिंग बनाने के लिए दिल्ली सरकार कई और कदम उठा रही है। एनर्जी बचाने के लिए कई ऐसे उपाय किए जा रहे हैं। इससे सरकारी पैसे की बचत होगी। दिल्ली सरकार ने सोलर पॉलिसी का एक ड्राफ्ट भी तैयार किया है, जिसे हाल ही में आम जनता की राय के लिए रिलीज किया गया है। मामले में सभी पक्षों की राय लेने के बाद सोलर एनर्जी के इस्तेमाल और सोलर पावर जनरेशन के मामले में सरकार की पॉलिसी को फाइनल किया जाएगा। दिल्ली सचिवालय के साथ-साथ दिल्ली विधानसभा में भी सोलर पावर के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है, जिसके तहत विधानसभा में भी सोलर प्लांट लगाया जाएगा।
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