सोमनाथ का बचाव न करने पर हुई कपिल मिश्रा की विदाई?
| दिल्ली सरकार के कानून मंत्री के पद से कपिल मिश्रा को हटाए जाने के बाद से राजनीतिक गलियारों में अटकलें तेज हो गई हैं। माना जा रहा है कि कपिल मिश्रा को पूर्व कानून मंत्री सोमनाथ भारती के विदेशी महिलाओं से बदसलूकी वाले मामले में सरकार से अलग अपने रुख का खामियाजा भुगतना पड़ा। कुछ दिनों पहले ही एलजी नजीब जंग ने सोमनाथ भारती के खिलाफ कार्रवाई करने को अपनी मंजूरी दी थी। सोमनाथ पर पिछले वर्ष जनवरी में कानून मंत्री रहते देर रात एक छापेमारी के दौरान महिलाओं से बदसलूकी का आरोप है। यह भी पढ़ें- केजरीवाल ने फिर बदला कानून मंत्री, कपिल मिश्रा से लेकर सिसौदिया को सौंपा मंत्रालय सोमनाथ के खिलाफ कार्रवाई के लिए एलजी का अप्रूवल मिलने के बाद कपिल मिश्रा इस केस में आगे बढ़ना चाहते थे, जबकि ‘आप’ सरकार इस मामले को बिलकुल आगे नहीं बढ़ने देना चाहती थी। माना जाता है कि कपिल मिश्रा के इसी रवैय्ये की वजह से पार्टी आलाकमान उनसे नाराज चल रहा था, जो कि पहले ही दिल्ली जल बोर्ड वाले मुद्दे पर कपिल मिश्रा से खफा चल रहा था। कानून मंत्री रहते हुए कपिल ने दिल्ली जल बोर्ड टैंकर घोटाले में पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित और अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की शिकायत की थी। हालांकि आम आदमी पार्टी अभी तक कपिल मिश्रा को हटाए जाने पर चुप्पी साधे है। सूत्रों के मुताबिक दिल्ली पुलिस ने सोमनाथ भारती के खिलाफ आईपीसी की कई धाराओं में केस दर्ज किया था। जिनमें महिलाओं के खिलाफ अपराध के अलावा सेक्शन 153-A (धर्म के आधार पर दो गुटों में झगड़ा बढ़ाना) जैसी धाराएं हैं। हालांकि कोर्ट के निर्देश के मुताबिक सेक्शन 153-A के तहत कार्रवाई के लिए राज्य सरकार की मंजूरी जरूरी थी। इसके लिए सोमनाथ केस की फाइल को पहले एलजी नजीब जंग के पास भेजा गया था, उनकी मंजूरी मिल जाने के बाद सरकार की मंजूरी की भी जरूरत थी। सूत्रों के मुताबिक ‘आप’ सरकार इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं चाहती थी क्योंकि सेक्शन 153-A के तहत सोमनाथ भारती को न्यायिक हिरासत में भेजा जा सकता था। दिल्ली सरकार के गृह मंत्री सत्येंद्र जैन ने इस संबंध में एलजी के पास जुलाई में एक फाइल भी भेजी थी, जिसमें उनसे इस केस को मंजूरी को न देने की सिफारिश की गई थी। हालांकि बाद में एलजी ने इस केस को अपनी मंजूरी दे दी थी। सोमनाथ केस की फाइल को जुलाई में ही दिल्ली सरकार के पास भेज दिया था जिसे आगे दिल्ली पुलिस को भेजना था, लेकिन सरकार ने उस फाइल को आगे नहीं भेजा। सूत्रों ने हमारे सहयोगी अखबार ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ को बताया कि सोमनाथ भारती के केस में गृह मंत्री सत्येंद्र जैन और कानून मंत्री कपिल मिश्रा को ‘विशेष निर्देश’ दिए गए थे। कपिल मिश्रा ने उन निर्देशों को नहीं माना और नतीजतन उन्हें कानून मंत्री के पद से हटना पड़ा। सूत्रों के मुताबिक कपिल मिश्रा चाहते थे कि फाइलों को गृह मंत्रालय द्वारा दिल्ली पुलिस को भेजा जाए और ये बात पार्टी आलाकमान को रास नहीं आई।
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