सूडान द्वारा बंदी बनाए गए ब्रिटिश पत्रकार ने चालाकी से बनाई विडियो, गुदा द्वार में छुपाकर बचाया मेमरी कार्ड
|सूडान की सरकार द्वारा बंदी बनाकर रखे गए एक ब्रिटिश पत्रकार ने अपने साथ हुए अत्याचारों को चालाकी से कैमरे में शूट कर लिया था। फिल कॉक्स नाम के इस पत्रकार ने बताया कि किस तरह सूडान में उन्हें पकड़ा गया और फिर जंजीर से बांधकर उनके ऊपर अत्याचार किए गए। फिल ने इस पूरी घटना को लेकर एक फिल्म भी बनाई है। इसमें बताया गया है कि किस तरह उन्होंने मेमरी कार्ड को अधिकारियों के हाथों में जाने से बचाने के लिए उसे अपनी गुदा में छुपाया था।
विशेष रिपोर्टिंग के लिए सूडान गए थे पत्रकार फिल कॉक्स
फिल अपने सहयोगी और अनुवादक दाऊद हरि के साथ दिसंबर 2016 में सीमा पार कर सूडान में घुसे थे। वह दारफूर इलाके में लोगों की दयनीय स्थिति की रिपोर्ट बनाना चाहते थे। इसी रिपोर्टिंग के क्रम में फिल और हरि सूडान की सेना के हथियारबंद योद्धाओं द्वारा बंदी बना लिए गए। कैद में उन्हें पता चला कि सूडान की सरकार को उनकी गतिविधियों के बारे में जानकारी मिल गई थी और प्रशासन ने फिल और हरि को पकड़ने के लिए उनके सिर पर 2 करोड़ से अधिक का इनाम भी रखा था। प्रशासन की ओर से फिल और हरि को ‘जिंदा या मुर्दा’ पकड़ने के निर्देश दिए गए थे।
चालाकी से बनाया विडियो, मेमरी कार्ड बचाने के लिए गुदा में छुपाया
फिल और हरि को बंधक बनाकर रखा गया। एक जंजीर की मदद से करीब एक हफ्ते तक उन्हें रेगिस्तानी इलाके में बांधकर रखा गया। फिल का कहना है कि उनके साथ काफी मार-पीट भी की गई। इसी समय फिल ने फैसला किया कि वह चालाकी दिखाते हुए उन्हें बंधक बनाने वालों की विडियो बनाएंगे। बाद में फिल ने मेमरी कार्ड को एक काले रंग की प्लास्टिक शीट से लपेटकर उसे अपने गुदा द्वार के अंदर छुपा लिया। इसी मेमरी कार्ड के अंदर रिकॉर्ड किया गया फुटेज अब चैनल-4 न्यूज की दो भागों में बनने वाली एक फिल्म में दिखाया जाएगा। चैनल ने फिल और हरि को सूडान के रास्ते होने वाले अवैध माइग्रेशन और सूडान की सरकार द्वारा दारफुर इलाके में नागरिकों पर रसायनकि हथियारों का इस्तेमाल करने के आरोपों की जांच करने वहां भेजा था। जिन हथियारबंद योद्धाओं ने फिल और हरि को पकड़ा था, उन्होंने बाद में उन्हें सूडान सरकार के हवाले कर दिया।
सूडान में 40 दिनों तक रहे बंधक, दी गईं अमानवीय यातनाएं
‘द गार्डियन’ अखबार में लिखते हुए फिल ने बताया कि उन्हें जब अल फशेर से खारतूम ले जाया जा रहा था, तो वहां सूडानी प्रशासन के अधिकारियों ने उन्हें चलते विमान से नीचे फेंकने की धमकी दी। फिल लिखते हैं, ‘विमान जमीन पर दौड़ रहा था और मैं जोर-जोर से चिल्लाने लगा। मैं अपने जान की भीख मांग रहा था।’ फिल बताते हैं कि तीन हफ्तों तक उनके साथ दुर्व्यवहार होता रहा। फिल को 40 दिन तक बंधक बनाकर रखा गया और अमानवीय यातनाएं दी गईं। उन्हें पीटा गया, बिजली के झटके दिए गए और एक बार तो उन्हें मारने का अभिनय भी किया गया। अमेरिका और ब्रिटिश सरकार द्वारा बार-बार की गई अपील के बाद 18 जनवरी को हरि रिहा किए गए। फिल को 1 फरवरी को आजाद किया गया। रिहा करते हुए सूडान के अधिकारियों ने फिल से कहा कि राष्ट्रपति ओमर अल-बशीर ने उन्हें माफ कर दिया है। एक अधिकारी ने EFE न्यूज एजेंसी से बात करते हुए कहा कि फिल और हरि गैरकानूनी तरीके से सूडान में घुसे थे और उनका मकसद केमिकल हथियारों के इस्तेमाल संबंधी आरोपों की जांच करना था और इसीलिए उन दोनों को सूडान की राष्ट्रीय सुरक्षा के खिलाफ गतिविधियों में शामिल होने का दोषी पाया गया था।
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