सुप्रीम कोर्ट ने गलत तरीके से रद्द किए थे टेलिकॉम लाइसेंस: सिब्बल
|2जी घोटाले पर यूपीए सरकार से डीएमके लीडर ए राजा के इस्तीफा देने के बाद टेलिकॉम मिनिस्टर बनने वाले कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने इस मामले में एक स्पेशल कोर्ट से सभी आरोपियों के बरी होने के बाद समन्वय राउतरे को दिए इंटरव्यू में कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने सभी टेलीकॉम लाइसेंस गलत तरीके से कैंसल किए थे। पेश हैं बातचीत के मुख्य अंश:
इस जजमेंट पर आपकी पहली प्रतिक्रिया क्या है?
-इस जजमेंट ने 2जी केस में कांग्रेस की मॉरल पोजिशन पर मुहर लगाई है। करप्शन की मंशा से कोई कदम नहीं उठाया गया था। किसी को फायदा पहुंचाने की कोई कोशिश नहीं की गई थी। सरकारी खजाने को कोई नुकसान नहीं पहुंचा था। स्पेक्ट्रम आवंटन जिस पॉलिसी पर दिया गया था, वह आज भी चल रही है।
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आवंटन में तदर्थ आधार पर कदम उठाने और नीतिगत खामियों के बारे में क्या कहना है?
-आलोचना तो आप किसी भी नीति की कर सकते हैं। कोई भी नीति संपूर्ण तो होती नहीं है। इस जजमेंट ने हमारी इस राय पर मुहर लगाई है कि कोई घोटाला नहीं हुआ था, कोई अपराध नहीं हुआ था। इस जजमेंट ने यह आरोप खारिज कर दिया है कि यूपीए में तो घोटाले ही होते थे।
सुप्रीम कोर्ट ने तो कहा था कि सभी आवंटन मनमाने तरीके से किए गए थे और अवैध थे। उसने सभी लाइसेंस कैंसल कर दिए थे। इस पर आपको क्या कहना है?
-यह तो टेलिकॉम रेग्युलेटर ट्राई की राय थी कि चली आ रही नीति को नहीं बदला जा सकता है क्योंकि बदलने से सभी प्लेयर्स को एकसमान मौका नहीं मिलेगा। यह निर्णय हर स्तर पर स्वीकार किया गया था, सर्वोच्च स्तर पर भी।
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क्या सभी लाइसेंस कैंसल करने का सुप्रीम कोर्ट का निर्णय गलत था?
-हां। सुप्रीम कोर्ट ने सभी लाइसेंस गलत ढंग से रद्द किए थे। इसका इकॉनमी पर नकारात्मक असर पड़ा। उसे उन लाइसेंस को ही कैंसल करना चाहिए था, जिनमें कुछ गलती हुई है। विदेशी निवेशकों ने इस सेक्टर में बड़ी रकम लगाई थी। सुप्रीम कोर्ट को सभी लाइसेंस कैंसल नहीं करने चाहिए थे। बैंकों के नॉन-परफॉर्मिंग लोन का एक बड़ा हिस्सा इसी वजह से बना। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने जो किया ठीक है क्योंकि वही अंतिम है, लेकिन इसलिए ठीक नहीं है कि जो किया सही किया। हम इसके निर्णय के खिलाफ अपील नहीं कर सकते हैं। इसी वजह से उसका कहा फाइनल है। सुप्रीम कोर्ट के उस निर्णय के बाद लागू की गई पॉलिसी (मार्केट प्राइस पर ऑक्शन) तो तबाही लाने वाली रही है।
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-क्या अब जो कोर्ट का फैसला आया है, वह आपके लिए बड़ी राजनीतिक जीत है?
हां, निजी तौर पर मेरे लिए यह एक बड़ी राजनीतिक जीत है। जिन निर्णयों को चुनौती दी गई थी, उन्हें बतौर मंत्री मैंने नहीं किया था, फिर भी यह मेरे लिए निजी तौर पर बड़ी जीत है। इस पूरे मुद्दे पर विस्तार से गौर करने के बाद मैंने तब कहा था कि सरकारी खजाने को कोई नुकसान नहीं हुआ। छह साल बाद मेरी बात सही साबित हुई।
क्या यह जजमेंट कांग्रेस पार्टी को राजनीतिक रूप से फायदा पहुंचाएगा? वोट मिलेंगे?
-उम्मीद तो यही है।
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