सुपरफास्ट ट्रेनों में चोरी का लगाया शतक, 4 गिरफ्तार
| नगर संवाददाता, रेलवे स्टेशन सुपरफास्ट ट्रेनों में आधी रात को सोते हुए यात्रियों के समान चुराने वाले 4 शातिर चोरों को जीआरपी और आरपीएफ की संयुक्त टीम ने गिरफ्तार किया है। चारों बदमाश दिल्ली से लंबी दूरी के लिए चलने वाली ट्रेनों को निशाना बनाते थे। रेलवे पुलिस ने गुरुवार की सुबह प्लैटफॉर्म नंबर 3-4 से चारों को उस समय दबोचा जब वे चोरी के समान का बंटवारा कर रहे थे। हालांकि, पुलिस को देखकर गैंग लीडर देवेंद्र वहां से फरार हो गया। जीआरपी थाना प्रभारी विनोद सिंह सिरोही ने बताया कि गिरफ्तार बदमाशों के नाम राहुल कुमार, गुड्डू, देवनाथ यादव और महमूद है। इनके पास से कपड़ों से भरे 21 बैग, 12 मोबाइल फोन, 4 लैपटॉप समेत लाखों की जूलरी, चाकू और कटर बरामद हुए हैं। पुलिस का दावा है कि गैंग 100 से ज्यादा वारदात को अंजाम दे चुका है। देर रात 2 से 3 बजे करते थे वारदात जीआरपी थाना इंचार्ज ने बताया कि गैंग मेंबर्स ट्रेन में देर रात 2 से 3 बजे के बीच में वारदात करते थे। दरअसल, उस दौरान ट्रेन में ज्यादातर यात्री गहरी नींद में होते हैं जिसका फायदा बदमाश उठाते थे। गैंग के 2 साथी यात्रियों की तरह से ट्रेन कोच में सीट तलाशने का नाटक करते थे। वहीं, अन्य साथी बदमाश माल चुराने का टारगेट तय करते थे। इस दौरान अगर ट्रेन में कोई यात्री जागता हुआ मिलता था तब उससे बातों में लग जाते थे। इस बीच, गैंग के अन्य लोग यात्रियों के सामान पर हाथ साफ कर देते थे। निशाने पर दिल्ली से मुरादाबाद व बरेली रूट गैंग का दिल्ली से मुरादाबाद और बरेली तक का रूट पसंदीदा होता था। चूंकि इस रूट पर अधिकांश ट्रेनों में यात्री लंबी दूरी के लिए सवार होते हैं और देर रात में गहरी नींद में होते हैं इसलिए भी उन्हें निशाने पर लेते थे। इसके अलावा दूसरे रूट पर अलीगढ़, मथुरा रूट की कई एक्सप्रेस ट्रेनों में वारदात को अंजाम देते थे। कर्ज देकर बनाता था क्रिमिनल पकड़े गए बदमाशों ने बताया कि वह दिल्ली के चिल्ला गांव में गैंग के लीडर देवेंद्र के मकान में किराए पर रहते थे। उन्होंने बताया कि देवेंद्र गरीब लोगों को घर किराए पर देता था। जब लोगों पर देनदारी काफी बढ़ जाती थी तब वह उससे बचने के लिए उसके साथ काम करने का ऑफर देता था। शुरुआत में वह एक को चोरी का 10 पर्सेंट दिया करता था। वहीं, जो लोग उसके साथ मिलकर काम करते थे वह उन्हें गैंग में शामिल कर लेता था। पकड़े गए बदमाश गुड्डू ने बताया कि उसके ऊपर भी काफी किराया चढ़ गया था। इसलिए गैंग में शामिल हो गया। ‘नकाब नहीं, खुले में पेश करो’ पुलिस की प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बदमाशों को मुंह पर कपड़ा डाल कर लाया गया तब एक क्रिमिनल ने कहा कि नकाब लगाने की जरूरत नहीं है। उन्हें चेहरा दिखाते हुए पेश किया जाए। साथ ही यह भी कहा कि उन्हें मीडिया के सामने बोलने का भी मौका दिया जाए।
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