सुधार संबंधी नीतियों से तय होगी भारत की साख: मूडीज
|नई दिल्ली
बजट से पहले साख निर्धारण एजेंसी मूडीज ने कहा कि भारत की सॉवरेन रेटिंग में सुधार आर्थिक सुधारों की प्रगति और राजकोषीय घाटा कम करने की सरकार की पहलों पर निर्भर करेगा। साख निर्धारण एजेंसी ने कहा कि मुद्रास्फीति में गिरावट नीतिगत दरों में कटौती की गुंजाइश बन रही है और इससे निवेश प्रोत्साहित होगा।
मूडीज ने एक रपट में कहा, ‘ वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच राजकोषीय और ढांचागत सुधार संबंधी नीतियां यह तय करेंगी कि तेज वृद्धि किस हद तक भारत वित्तीय साख को मजबूत करने में मदद करगी।’ रपट के मुताबिक 2015 में वैश्विक स्तर पर तेल की कीमतों में नरमी भारत की मुद्रास्फीति और चालू खाते के दबाव को नियंत्रण में रख सकती है।
इससे और समायोजन मौद्रिक नीति की गुंजाइश बनेगी जिससे निवेश बढ़ेगा। मूडीज ने कहा कि आधार वर्ष में संशोधन के आधार पर सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर के अनुमान में बढ़ोतरी अर्थव्यवस्था की मजबूती को रेखांकित करती है लेकिन मूडीज के साख निर्धारण के आंकलन पर इसका असर नहीं होता।
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