सीलिंग से दिल्ली को बचाने का यह है BJP का प्लान
|दिल्ली बीजेपी ने संकेत दिया है कि राजधानी को सीलिंग से बचाने के लिए पार्टी अध्यादेश से पहले कोर्ट से राहत का रास्ता ढूंढ रही है। दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि केंद्र सरकार इस संबंध में अध्यादेश लाने के लिए तैयार है, लेकिन हम चाहते हैं कि अगर सुप्रीम कोर्ट ही इस मामले में थोड़ा वक्त दे दे, तो सब लोग मिलकर इस समस्या का समाधान निकाल सकते हैं।
गुरुवार को उन्होंने सीलिंग पर पार्टी का ट्रिपल ऐक्शन प्लान पेश किया। इसके तहत एमसीडी का संयुक्त सत्र बुलाकर सीलिंग रुकवाने के उपायों पर चर्चा की जाएगी और सभी पार्टियों की राय को उस प्रस्ताव में शामिल कर उसे एलजी के पास भेजा जाएगा। साथ ही, एमसीडी की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल कर 6 महीने के लिए सीलिंग रुकवाने की मांग की जाएगी। इसके अलावा, बीजेपी नेता एलजी से मिलकर सीलिंग के मसले पर ऑल पार्टी मीटिंग बुलाने की भी मांग करेंगे, जिसमें सीलिंग के मसले से जुड़े सभी स्टेकहोल्डर्स को भी बुलाया जाएगा और सबके साथ मिलकर 6 महीने के अंदर ऐसे उपायों पर अमल किया जाएगा, जिससे भविष्य में सीलिंग का दोबारा सामना ना करना पड़े।
तिवारी ने तीनों एमसीडी की मेयर व एमसीडी के अन्य वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में बताया कि डेडलॉक जैसी सिचुएशन से बाहर निकलने का रास्ता तलाशने के लिए 27 जनवरी को सिविक सेंटर में तीनों एमसीडी का संयुक्त सत्र होगा। इससे यह पता चल सकेगा कि इस बारे में किस पार्टी की क्या राय है और उसके बाद प्रस्ताव पास कर कार्रवाई के लिए एलजी के पास भेजा जाएगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के पार्षद भी सत्र में हिस्सा लेकर सकारात्मक रवैये के साथ इस गंभीर विषय पर चर्चा करेंगे।
फरवरी के पहले हफ्ते तक एमसीडी के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट और मॉनिटरिंग कमिटी के समक्ष याचिका भी दाखिल की जाएगी। इसके जरिए सुप्रीम कोर्ट और मॉनिटरिंग कमिटी से अनुरोध किया जाएगा कि सीलिंग के मामले में दिल्ली को 6 महीने की राहत दी जाए। उसके बाद केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार, तीनों एमसीडी और अन्य सभी संबंधित एजेंसियां मिलकर लोगों को सीलिंग से राहत दिलाने का उपाय निकालेगी। इस दौरान मास्टरप्लान में जो संशोधन करना है या जिन 351 सड़कों को नोटिफाई करना है या कन्वर्जन चार्ज जमा करने और नियमितीकरण जैसे सब काम कर लिए जाएंगे। बीजेपी दिल्ली सरकार से भी अनुरोध करेगी कि वह सड़कों को नोटिफाई करने में 2 साल का समय लगाने के बजाय यह काम 6 महीने में पूरा करे। इसके लिए एमसीडी व केंद्र सरकार से जो भी सहयोग की जरूरत होगी, वह सहयोग दिल्ली सरकार को मिलेगा।
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