सीएम और एलजी में खुली जंग, केजरीवाल सरकार ने ऑफिस पर लगवाया ताला
| दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और लेफ्टिनेंट गवर्नर नजीब जंग के बीच जारी टकराव चरम पर पहुंच गया है। सोमवार की सुबह तल्खी उस वक्त और बढ़ गई जब केजरीवाल सरकार ने वरिष्ठ नौकरशाह और प्रिंसिपल सेक्रेटरी (सर्विस) आनिंदो मजूमदार के ऑफिस पर ताला लगवा दिया और बदले में एलजी ने राजेद्र कुमार की नियुक्ति को रद्द कर दिया। राजेद्र कुमार को दिल्ली सरकार ने आनिंदो मजूमदार की जगह प्रिंसिपल सेक्रेटरी (सर्विस) बनाया था। लेफ्टिनेंट गवर्नर के ऑफिस की ओर से मुख्यमंत्री को भेजी गई चिट्ठी में कहा गया है कि राजेंद्र कुमार की नियुक्ति असंवैधानिक है और उन्हें पद से हटाया जा रहा है। केजरीवाल सरकार ने एलजी की आपत्ति के बावजूद को राजेद्र कुमार को प्रिंसिपल सेक्रेटरी (सर्विस) के पद पर नियुक्त किया था और दिल्ली सचिवालय की सातवीं मंजिल पर स्थित मजूमदार के कार्यालय में ताला लगवा दिया था। दिल्ली सरकार का कहना है कि केंद्र शासित क्षेत्र में तबादले और नियुक्ति का अधिकार उनके पास है। उसका कहना है कि मजूमदार ने राज्य सरकार के आदेश की अवहेलना की है। साथ यह भी कहा कि यहां तक एलजी के पास भी यह अधिकार नहीं है कि वह दिल्ली सरकार का आदेश निरस्त करे। सरकार की ओर से यह भी कहा गया कि इस बारे में उपराज्यपाल की ओर से उसे कोई चिट्ठी प्राप्त हुई है। बता दें कि मजूमदार ने ही उपराज्यापल के निर्देश बाद पावर सेक्रेटरी शकुंतला गैमलिन को कार्यवाहक मुख्य सचिव नियुक्ति करने का आदेश जारी किया था। इस वजह से केजरीवाल सरकार उनसे नाराज थी और शनिवार को मजूमदार को पद से हटाने का आदेश जारी किया। इसके बाद नजीब जंग ने दिल्ली सरकार के आदेश को निरस्त करते हुए मजूमदार को उनके पद पर यथावत रखा। बताया जा रहा है कि मजूमदार फिलाहल सचिवालय में दूसरे कमरे में बैठकर काम कर रहे हैं। इस मामले में केजरीवाल ने राष्ट्रपति से हस्तक्षेप की भी गुहार लगाई है, लेकिन उन्हें बुधवार तक इंतजार करना पड़ सकता है। राष्ट्रपति भवन के सूत्रों के अनुसार केजरीवाल ने शनिवार को राष्ट्रपति से मिलने का वक्त मांगा था। बताया जा रहा है कि राष्ट्रपति के मंगलवार को उत्तराखंड से लौटने के बाद इस मुलाकात को लेकर कोई फैसला हो सकता है।
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