सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी चुनाव, शिव नगर से बादल दल के थापर जीते
|दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी के चुनाव में दूसरी बार अकाली दल (बादल) को लोगों ने चुना है। माना जा रहा है कि इन चुनावों के रिजल्ट का सीधा असर अप्रैल में होने जा रहे दिल्ली नगर निगम के चुनावों पर पड़ेगा। दिल्ली के तीन नगर निगमों में 272 सीटें हैं। तीनों निगमों पर बीजेपी की सत्ता है। अकाली दल (बादल) की पंजाब में बीजेपी के साथ सरकार चल रही है। दिल्ली में भी अकाली-बीजेपी का गठबंधन है।
गुरुद्वारा चुनाव में बीजेपी सीधे तौर पर तो शामिल नहीं है, लेकिन उसके दो पदाधिकारियों ने चुनाव जरूर लड़ा। दोनों प्रत्याशी धार्मिक तौर पर अकाली दल से जुड़े हैं। अब भी दिल्ली नगर निगम में बीजेपी और अकाली दल के चुने हुए सदस्य (पार्षद) हैं। अगले चुनाव में भी इसी तरह के प्रत्याशी मैदान में उतारे जाने की संभावना है। ऐसे में इस जीत के बाद से बादल दल काफी मजबूत हो गया है। साथ ही यह भी स्पष्ट हो गया है कि उसने चार साल कमिटी में जो काम किया है, संगत ने उसे स्वीकार किया है। कमिटी पर काबिज शिरोमणि अकाली दल-बादल का चुनाव जीतना बहुत जरूरी था।
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मंजीत सिंह जीके और कमिटी महासचिव मनजिंदर सिंह सिरसा का भविष्य भी इन चुनावों ने तय कर दिया है। पंजाब में चूंकि, अकाली दल की सरकार की वापसी कम मानी जा रही है, इसलिए अगर अकाली दल यहां से भी बाहर हो जाता तो पार्टी का रास्ता फिलहाल कुछ सालों के लिए रुक सकता था।
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