सावधान! बैंक कार्ड का क्लोन बनाकर विदेश में इस्तेमाल करने लगे हैं जालसाज
|डेबिट कार्ड्स की क्लोनिंग करनेवाले जालसाज पकड़ में आने से बचने के लिए शायद विदेशों में ट्रांजैक्शन कर रहे हैं। ताजा मामले में गृह मंत्रालय की एक अधिकारी दिल्ली पुलिस से शिकायत की कि उनके कार्ड की क्लोनिंग करके अमेरिका के अपैरल स्टोर में इस्तेमाल किया गया है। उन्होंने पुलिस को बताया कि ट्रांजैक्शन अमेरिकी डॉलर में ही किया गया है।
पार्ल्यामेंट स्ट्रीट पुलिस स्टेशन में दी गई शिकायत में गृह मंत्रालय की एक महिला अधिकारी ने कहा कि उन्हें इस घटना के बारे में 7 जून को पता चला, जब उन्हें रात 1.35-2.09 बजे के बीच अमेरिका स्थित अलग-अलग स्टोर में ट्रांजैक्शंज मेसेजेज मिलने लगे। कुछ अलर्ट्स और ओटीपी भी उनके मोबाइल नंबर पर आए। कुल 67,000 रुपये खर्च किए गए। उन्होंने पुलिस को बताया कि चूंकि पूरी घटना रात को हुई, इसलिए वह ट्रांजैक्शंज रोक नहीं पाईं।
उन्होंने बताया कि कुछ ट्रांजैक्शंज के बाद शायद बैंक को महसूस हुआ कि सुरक्षा में सेंध लग चुकी है। तब जाकर उनका कार्ड ब्लॉक करने की प्रक्रिया शुरू कर दी। उसके कुछ मिनट बाद कार्ड को अस्थाई तौर पर बंद कर दिया गया। जालसाजों ने इसके बाद भी उनके अकाउंट से पैसे निकालने की कोशिश की। तब उनके पास पैसे निकालने का परमिशन देने के मेसेज आने लगे।
महिला अधिकारी ने अपनी शिकायत में कहा, ‘मुझे इस फर्जीवाड़े का पता सुबह चला। मेरे कार्ड और फोन हमेशा पास ही रहते हैं।’ उन्होंने कहा कि उन्होंने आखिरी बार मोबाइल फोन सर्विस प्रोवाइडर को अकाउंट से पैसे दिए और कनॉट प्लेस की एक दुकान में कार्ड स्वाइप किया।
पुलिस को संदेह है कि जालसाज शायद मैलवेयर के जरिए कार्ड डीटेल्स जुटा रहे हैं। मैलवेयर से ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के लिए वर्चुअल कार्ड बना दिया जाता है। जालसाज अमूमन स्किमर नाम की डिवाइस इस्तेमाल करते हैं जिसे कार्ड स्वाइप करनेवाली मशीन में फिट कर दिया जाता है। तब कार्ड स्वाइप करते ही स्किमर उसका डीटेल कॉपी करके इंटरनल मेमरी यूनिट में स्टोर कर लेता है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि ऐसी डिवाइसेज चीन से आती हैं और यहां 7,000 रुपये में उपलब्ध हैं।
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