सरकार 67 हजार बाबुओं के रिकॉर्ड कर रही रिव्यू, 129 को एक साल में निकाला
|केंद्र सरकार 67 हजार से ज्यादा केंद्रीय कर्मचारियों के सर्विस रिकॉर्ड्स रिव्यू करने वाली है। इस लिस्ट में आईएएस और आईपीएस अफसर भी शामिल होंगे। सर्विस रिकॉर्ड्स को रिव्यू कर सरकार नॉन-परफॉर्म्स का पता लगाएगी। इसके पीछे सरकार का उद्देश्य सरकारी सेवाओं की डिलिवरी को बेहतर बनाना और प्रशासनिक स्तर सुधारना है।
कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय (DOPT) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस रिव्यू के तहत कोड ऑफ कंडक्ट का पालन न करने वालों को दंड भी दिया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘सरकार 67 हजार केंद्रीय कर्मचारियों के सर्विस रिकॉर्ड्स को रिव्य कर रही है ताकि नॉन-परफॉर्मेंस का पता लगाया जा सके।’
अधिकारी ने बताया कि कुल 67 हजार केंद्रीय कर्मचारियों में 25 हजार ग्रुप ए सर्विसेज के आईएएस, आईपीएम और आईआरएस अधिकारी हैं। न्यूज एजेंसी पीटीआई को केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण राज्यमंत्री जितेन्द्र सिंह ने बताया, ‘एक तरफ सरकार की प्राथमिकता सेवाओं के पहुंच को समय से बढ़ाने की है वहीं सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस पॉलिसी बढ़ाना चाहती है। इससे ईमानदारी से काम करने वाले कर्मचारियों के लिए सही माहौल बनेगा।’
उन्होंने कहा, ‘सरकार वर्कफोर्स की परफॉर्मेंस का समय-समय पर मूल्यांकन करती रहती है। इससे ईमानदारी से काम करने वाले कर्मचारियों का मनोबल बढ़ता है।’ केंद्र सरकार ने 129 नॉन परफॉर्मिंग कर्मचारियों को अनिवार्य रिटायरमेंट पिछले एक साल में दिया है। इसमें कुछ आईएएस और आईपीएस भी शामिल थे। कानून के मुताबिक, एक सरकारी कर्मचारी का प्रदर्शन दो बार रिव्यू होता है। एक बार जब उसे नौकरी के 15 साल हो जाएं और दूसरा 25 साल की सर्विस के बाद। हालिया आंकड़ों के मुताबिक देश में कुल 48.85 लाख केंद्रीय कर्मचारी हैं।
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