सरकार वर्ष 2017-18 का आम बजट एक फरवरी को पेश कर सकती है। आम तौर पर बजट फरवरी के अंत में पेश किया जाता है।

अर्थव्यवस्था में पर नोटबंदी के असर के बारे में जेटली ने स्वीकार किया कि जो सामान्य चलन था उसमें बदलाव काफी उठापटक वाला रहा है लेकिन आने वाले लंबे समय में जीडीपी उंची होगी, अधिक राजस्व प्राप्त होगा और संभवत: काफी साफ सुथरी अर्थव्यवस्था और काफी स्वच्छ सार्वजनिक जीवन होगा।

जेटली ने कहा कि अर्थव्यवस्था में चल रही 86 प्रतिशत करेंसी को अचानक हटा लेना काफी साहसिक फैसला है। इतनी बड़ी करेंसी को एक झटक में हटा लेना, उसके स्थान पर नई करेंसी लाना और फिर यह कहना कि इसके स्थान पर अब काफी लेनदेन डिजिटल तरीके से होगा यह काफी साहसिक फैसला है।

राजनीतिक दलों की कर जांच को लेकर चल रहे विवाद के बारे में जेटली ने कहा, यह पूरी तरह से मीडिया की देन है। उनहोंने कहा कि इस बारे में कानून में कोई बदलाव नहीं किया गया है।

उन्होंने सवाल किया कि पिछले ढाई साल में अथवा पिछले दो माह के दौरान क्या राजनीतिक दलों के कराधान संबंधी नियमों में कोई बदलाव किया गया है? इसका जवाब है नहीं।

जीएसटी के बारे में जेटली ने कहा कि कुछ राजनीतिक दल इसके क्रियान्वयन में देर करना चाहते हैं लेकिन उन्हें यह समझना चाहिये कि इसे सितंबर 2017 से आगे नहीं बढ़ाया जा सकता है।

जीएसटी परिषद अब 22-23 दिसंबर को होने वाली अगली बैठक में लंबित मुद्दों को सुलझाने का प्रयास करेगी।

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