सरकार ने नेस्ले को उपभोक्ता अदालत में घसीटा
| सरकार ने मैगी मुद्दे पर नेस्ले के खिलाफ और सख्त कदम उठाते हुए अनुचित व्यापार व्यवहार व भ्रामक विज्ञापनों के लिए कंपनी को राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निपटान आयोग में घसीटा है। कंपनी के खिलाफ अन्य कार्रवाइयों के साथ-साथ जुर्माना लगाने की मांग भी की जा सकती है। सूत्रों के मुताबिक भारतीय उपभोक्ताओं की ओर से उपभोक्ता मामले विभाग ने अब आयोग में शिकायत दायर की है। यह कदम एफएसएसएआई के उस आदेश पर आधारित है जिसमें कहा गया है कि नेस्ले अनुचित व्यापार व्यवहार तथा भ्रामक विग्यापन जारी करने में संलिप्त रही है। एफएसएसएआई ने इस उत्पाद को असुरक्षित और मानव उपभोग के लिए खतरनाक बताते हुए इसे बाजार से वापस लिए जाने का आदेश दिया है। उन्होंने कहा, हमने इस मामले में अतिरिक्त सालिसिटर जनरल की राय मांगी है और सरकार की ओर से वह आयोग में उपस्थित हौंगे। यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार अर्थ दंड की मांग भी कर रही है, सूत्रों ने कहा- अगर आयोग फर्म को गलत पाता है तो उसके पास अर्थ दंड लगाने का अधिकार है। उल्लेखनीय है कि सरकार ने अपनी तरफ से पिछले सप्ताह ही कंपनी के खिलाफ एक शिकायत आयोग में की थी। उल्लेखनीय है कि मोनो सोडियम ग्लुटामेट (एमएसजी) तथा लीड की मात्रा तय सीमा से अधिक पाए जाने को लेकर उठे विवाद के बीच कंपनी की भारतीय इकाई ने अपने इस उत्पाद को बाजारों से वापस लेने की घोषणा की है। अनेक राज्यों ने मैगी पर प्रतिबंध लगा दिया है।
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