सरकार ने निर्यात से जुड़ी ढांचागत सुविधाओं के विकास के लिये 600 करोड़ रपये नई योजना शुरू की
|वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसकी शुरूआत की। निर्यात के लिये व्यापार ढांचागत सुविधा योजना :टीआईईएस: बुनियादी ढांचे में कमी को दूर करने और व्यापार गतिविधियों से जुड़ी इकाइयों को ग्राहक एवं आपूर्तिकर्ता से संपर्क उपलब्ध कराने पर जोर देती है।
योजना का क्रियान्वयन एक अप्रैल से होगा। इसके लिये तीन साल का बजटीय आबंटन 600 करोड़ रपये होगा। इसमें सालाना व्यय 200 करोड़ रपये होगा।
निर्मला ने यहां संवाददाताओं से कहा, यह सहभागिता के आधार पर होगा और जोर न केवल ढांचागत सुविधा सृजित करने पर होगा बल्कि यह सुनिश्चित करने पर भी होगा कि यह पेशेवर रूप से चले तथा टिकाउ बना रहे।
योजना के लिये परियोजना को मंजूरी और उसपर निगरानी हेतु अधिकार प्राप्त अंतर-मंत्रालयी समिति गठित की गयी है। इसकी अध्यक्षता वाणिज्य सचिव करेंगे।
वाणिज्य सचिव रीता तेवतिया ने कहा कि निर्यातकों को एक बड़ी लागत ढांचागत सुविधाओं की कमी के कारण उठानी पड़ती है। चाहे वह बंदरगाहों परीक्षण केंद्र हो या रखरखाव सुविधाओं या शीत गृह श्रृंखला की कमी हो।
उन्होंने कहा कि टीआईईएस इस कमी को दूर करने पर ध्यान देगी।
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