सरकार के लिए परेशानी का सबब बनते अपने ही विधायक
|दिल्ली विधानसभा के चल रहे सेशन में अजीब वाकये देखने को मिल रहे हैं। सत्ता पक्ष के सदस्य अपने ही मंत्रियों के जवाबों से संतुष्ट नजर नहीं आ रहे हैं तो साथ ही विधानसभा अध्यक्ष का भी कहा नहीं मान रहे हैं। परेशान अध्यक्ष सत्ता पक्ष के सदस्यों पर सदन का माहौल खराब करने का आरोप लगा रहे हैं। मजेदार बात यह है कि सरकार के इस आपसी झंझट में विपक्षी सदस्यों को बोलने ही नहीं दिया जा रहा है।
सदन की कार्यवाही कल जैसे ही शुरू हुई, विपक्षी सदस्यों ने सत्ता पक्ष द्वारा उनके खिलाफ अभद्र टिप्पणी का मसला उठाया। नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने सदन की रिकॉर्डिंग का हवाला देते हुए बताया कि सत्ता पक्ष के लोग उन्हें सदन में गाली दे रहे हैं और अध्यक्ष रामनिवास गोयल व सरकार उन्हें रोक नहीं रही है। इतने में सत्ता पक्ष की सदस्य अलका लांबा अपनी कुर्सी से खड़ी हो गई और उन्होंने विजेंद्र गुप्ता पर उलटे आरोप लगाया कि उन्होंने सदन में सत्ता पक्ष के सदस्य सोमनाथ भारती के परिवार को लेकर व्यक्तिगत टिप्पणी की। जिसके बाद सदन में हंगामा शुरू हो गया। अध्यक्ष गोयल ने जैसे-तैसे सबको समझाया और कहा कि वह इस मसले पर सदन में बाद में वक्तव्य देंगे।
प्रश्नकाल शुरू होते ही एक सवाल के जवाब में स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने जानकारी दी कि सरकार के 53 मोहल्ला क्लिनिक बनकर तैयार खड़े हैं, लेकिन अभी एलजी से अप्रूवल नहीं मिल पाई है। सत्ता पक्ष के सदस्यों की ओर से यह भी पूछा गया कि कई क्लिनिकों में सुरक्षा गार्ड, पानी व टॉयलेट नहीं है तो जैन ने फिर कह दिया कि एलजी से अप्रूवल मिलनी बाकी है। इतने पर सत्ता पक्ष के सदस्य राजेश गुप्ता व सहीराम पहलवान ने कहा कि ऐसे तो ये समस्याएं सुलझेंगी ही नहीं, ऐसे में सरकार इनसे निपटने के लिए क्या कर रही है। कई और सदस्यों ने मोहल्ला क्लिनिक पर सवाल उठाए तो विपक्ष ने कह दिया कि तुम्हें सरकार चलानी ही नहीं आ रही है, इसलिए कुर्सी छोड़ दो। इस टिप्पणी पर सदन में हंगामा शुरू हो गया।
शोरशराबे के बीच सत्ता पक्ष के सदस्य ऋतुराज ने विपक्षी नेता पर अभद्र टिप्पणी कर दी, जिसे अध्यक्ष ने कार्यवाही से निकाल दिया। अध्यक्ष खासे नाराज भी हो गए और ऋतुराज से कहा कि आप ही बोल लो, मैं नहीं बोलता हूं। इतने में राजेश गुप्ता ने फिर से विपक्ष पर कुछ आरोप लगाए तो हंगामा शुरू हो गया। इस पर अध्यक्ष ने सदन में ही राजेश को डांटा कि तुम सदन का माहौल खराब कर रहे हो, वरना वह अच्छा भला चल रहा था। बाद में परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत के जवाब पर सत्ता पक्ष की भावना गौड़ ने उत्तेजित होकर मंत्री से बोल दिया कि वह अपने इलाके पालम की मेट्रो फीडर बसों के बारे में जानकारी मांग रही हैं, लेकिन मंत्री डीटीसी बसों की जानकार दे रहे हैं। जिस पर कुछ सदस्य हंसते नजर आए। सदन में परिवहन मंत्री सदस्यों को अपने उत्तर से संतुष्ट करते भी नजर नहीं आए।
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