सरकारी कंपनियों के शेयरों को बेचने के लिए बनेगा विनिवेश आयोग

सिद्धार्थ/सुरोजित गुप्ता, नई दिल्ली

नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार सार्वजनिक कंपनियों और बैंकों के विनिवेश करने की राह पर तेजी से आगे बढ़ने पर विचार कर रही है। सरकार इसके लिए विनिवेश आयोग का गठन करने का मन बना रही है। सरकारी कंपनियों के अलावा सरकार क्वालिफाइड इंस्टिट्यूशनल प्लेसमेंट के जरिए आईडीबीआई बैंक के भी 20 से 26 पर्सेंट शेयर बेचने पर विचार कर रही है। वित्त राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि सरकार द्वारा संचालित कंपनियों का 2016-17 में रणनीतिक विनिवेश किया जाएगा।

स्ट्रैटेजिक सेल का अर्थ प्रबंधन नियंत्रण समेत शेयरों का ट्रांसफर किसी संस्थान को करने से है। क्वालिफाइड इंस्टिट्यूशनल प्लेसमेंट वह प्रक्रिया है, जिसके जरिए सरकार इंस्टिट्यूशनल बायर्स को सिक्योरिटीज बेचकर फंड जुटाना चाहती है। हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए इंटरव्यू में जयंत सिन्हा ने कहा, ‘जहां तक रणनीतिक विनिवेश की बात है तो हमें खुद ही इंस्टिट्यूशनल मकैनिज्म स्थापित करना होगा। ऐसी ही व्यवस्था एनडीए-1 के दौरान भी की गई थी। विनिवेश आयोग भी इसका ही हिस्सा होगा। विनिवेश आयोग एक बार फिर गठित किया जाएगा ताकि हम रणनीतिक तरीके से कंपनियों के शेयरों का विनिवेश कर सकें।’

जयंत सिन्हा ने कहा कि सरकार की योजना 2015-16 में ही इस नीति पर तेजी से आगे बढ़ने की थी। लेकिन नीतिगत बाधाओं के चलते सरकार इस दिशा में तेजी से आगे नहीं बढ़ पाई। नरेंद्र मोदी सरकार अब इस साल को अहम मौके के तौर पर देख रही है। पहली बार 1996 में विनिवेश आयोग का गठन किया गया था, जिसकी सलाह पर कई सरकारी कंपनियों की कुछ हिस्सेदारी को बेचा गया था। लेकिन 2004 में यूपीए के सत्ता में आते ही इस आयोग को भंग कर दिया गया था। जयंत सिन्हा ने कहा कि विनिवेश के बाद आईडीबीआई बैंक में सरकार की हिस्सेदारी 49 पर्सेंट से भी कम हो सकती है।

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