सचिवालय में मीडिया की एंट्री पर पुलिस से राय लेगी सरकार

रामेश्वर दयाल, नई दिल्ली

दिल्ली सरकार के मुख्यालय दिल्ली सचिवालय में मीडिया की एंट्री को लेकर अभी गतिरोध बना हुआ है। सरकार का कहना है कि इस मामले में वह पुलिस की राय को ध्यान में रखकर ठोस नीति बनाएगी। सरकार का यह भी कहना है कि सोमवार को मीडिया सेंटर में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से हुआ व्यवहार आहत करने वाला था।

दिल्ली सचिवालय में आम आदमी पार्टी सरकार ने मीडिया की एंट्री पर फिलहाल रोक लगा दी है। लेकिन इसका कोई आधिकारिक कारण नहीं बताया गया है। वैसे सरकार ने एक नियम यह बना दिया है कि हर शाम चार बजे के बाद सरकार का कोई मंत्री या किसी विभाग का प्रमुख मीडिया ब्रीफिंग करेगा। लेकिन सरकार की इस रोक पर पत्रकारों में खासा रोष है। कल शाम जब कैबिनेट में हुए निर्णयों की जानकारी देने डेप्युटी सीएम मनीष सिसोदिया मीडिया सेंटर में आए तो इस मसले पर पत्रकारों के साथ उनकी गर्मागर्मी हुई, जिसके बाद वह प्रेस कॉन्फ्रेंस छोड़कर चले गए।

दिल्ली सरकार के मीडिया अडवाइजर नागेंद्र शर्मा का कहना है कि डेप्युटी सीएम के साथ पत्रकारों का व्यवहार आहत करने वाला है। कुछ वरिष्ठ पत्रकारों के आश्वासन के बाद डेप्युटी सीएम वहां आए लेकिन वहां उनके साथ बदतमीजी की गई। उनका कहना है कि सरकार को अपना कार्य संभाले हुए मात्र दो दिन हुए हैं। हमारी सरकार मीडिया की एंट्री को लेकर विचार-विमर्श कर रही है, ऐसे में मीडिया को शांति बनाए रखनी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि इस मसले पर पुलिस की राय ली जा रही है, उसकी राय के बाद ही पत्रकारों की दिल्ली सचिवालय में एंट्री पर विचार किया जाएगा।

सूत्र बताते हैं कि सचिवालय में पत्रकारों की एंट्री पर दिल्ली सरकार कुछ ठोस नीति बनाना चाहती है। उसका कहना है कि दिल्ली की जनता ने उन्हें काम करने के लिए जबर्दस्त बहुमत दिया है, ऐसे में पहले काम को प्रमुखता दी जाएगी। सरकार का यह भी मानना है कि पत्रकारों का एक ग्रुप उस पर बेवजह प्रेशर बनाने का प्रयास कर रहा है, जिसे सफल नहीं होने दिया जाएगा। फिलहाल अभी यह मामला भी खटाई में पड़ता नजर आ रहा है कि हर रोज सरकार का एक मंत्री मीडिया ब्रीफिंग करेगा या नहीं। वैसे इस मसले पर पत्रकारों का कहना है कि वे सरकार का किसी हाल में बॉयकाट नहीं करेंगे, लेकिन मीडिया एंट्री के खिलाफ अपना विरोध दर्ज करवाते रहेंगे।

Navbharat Times