संजीव चतुर्वेदी को नहीं मिली दिल्ली में एंट्री
|केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच एक और टकराव की स्थिति पैदा हो सकती है। केंद्र सरकार ने अरविंद केजरीवाल के पसंदीदा अधिकारी संजीव चतुर्वेदी का दिल्ली में डेप्युटेशन देने से इनकार कर दिया है। डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनेल ऐंड ट्रेनिंग ने सर्विस रूल का हवाला देकर इंडियन फॉरेस्ट सर्विस के अफसर संजीव चतुर्वेदी को डेप्युटेशन से मना किया है। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल अपने ऑफिस में उन्हें ओएसडी के रूप में नियुक्त करना चाहते हैं।
डीओपीटी की ओर से कहा गया है कि दिल्ली सरकार में जाने से पहले संजीव चतुर्वेदी को तीन साल के आवश्यक ‘कूलिंग ऑफ पीरियड’ को पूरा करना होगा। उत्तराखंड कैडर के 2002 बैच के अधिकारी संजीव एम्स में डेप्युटी सेक्रटरी के रूप में काम कर रहे हैं। उन्होंने पिछले साल दिल्ली सरकार में कैडर ट्रांसफर की अनुमति मांगी थी। बाद में केजरीवाल ने भी पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को लेटर लिखकर अपने ऑफिस में ओएसडी के रूप में नियुक्त करने के लिए अनुमति मांगी थी।
डीओपीटी की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि एसीसी ने संजीव चतुर्वेदी की उत्तराखंड कैडर से दिल्ली सरकार में कैडर ट्रांसफर की अभी मंजूरी नहीं दी है। संजीव को सबसे पहले हरियाणा कैडर आवंटित किया गया था। नियमों के मुताबिक कोई भी अधिकारी तभी सेंट्रल डेप्युटेशन या इंटर कैडर डेप्युटेशन हासिल कर सकता है जब उन्हें दोनों संबंधित सरकारों से अनुमति हो। इसके अतिरिक्त, अधिकारी को दो डेप्युटेशन के बीच कूलिंग ऑफ पीरियड को भी पूरा करना चाहिए।
संजीव का सेंट्रल डेप्युटेशन 28 जून को पूरा हो रहा है। अभी उन्हें अपने नए मूल कैडर उत्तराखंड में सेवा देनी है। डीओपीटी के अनुसार उत्तराखंड सरकार ने अपनी सहमति नहीं दी है और अधिकारी की अगली प्रतिनियुक्ति पर विचार किए जाने से पहले उन्हें अपने कैडर में पीरियड को पूरा करना है। इसी आधार पर दिल्ली आने के लिए उनके आवेदन को खारिज कर दिया गया है।
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