‘श्रीलंका को हराकर कोई कद्दू में तीर नहीं मारा’
| पूर्व भारतीय कप्तान बिशन सिंह बेदी ने श्रीलंका में टीम इंडिया की जीत के बाद मनाए गए जश्न को गैरजरूरी करार दिया है। बेदी ने युवा टीम को उसकी जीत के लिए बधाई तो दी, लेकिन साथ ही यह भी कहा कि श्रीलंका की टीम कमजोर थी। भारत ने पहले टेस्ट मैच में पिछड़ने के बाद वापसी करके सीरीज जीती और लेकिन बेदी का मानना है कि भारतीय टीम का सामना कमजोर टीम से था और इसके बाद का जश्न बेमतलब का था। उन्होंने कहा, ‘ये इतना बड़ा कद्दू में तीर नहीं मारा है यानी यह बडी उपलब्धि नहीं है। यदि वे 3-0 से जीत दर्ज करते तो फिर मैं समझ सकता था। चलिए अब आप जीत गए है लेकिन यह उन्माद दिखाने की क्या जरूरत थी। आप वहां जीतने के लिए गए थे।’ एक इंटरव्यू में बेदी ने कहा, ‘इसलिए आपने वह किया जिसकी आपसे उम्मीद की जा रही थी। इसको लेकर इतना होहल्ला क्यों। श्रीलंका की यह टीम बेहद कमजोर है. उन्हें उसे करारी हार देनी चाहिए थी। लेकिन जीत जीत होती है. मैं खिलाड़ियों को बधाई देना चाहूंगा लेकिन इस जीत पर देश को उन्मादी होने की जरूरत नहीं है। दिमाग में कुछ स्थिरता होनी चाहिए। हार पर आप पगला जाते हो और जीत पर उन्मादी हो जाते हो। आप कब परिपक्व बनोगे तथा हार और जीत को संतुलित तरीके से स्वीकार करोगे।’ इस दिग्गज स्पिनर ने हालांकि मैन ऑफ द सीरीज रविचंद्रन अश्विन की लगातार अच्छा प्रदर्शन करने के लिये तारीफ की लेकिन अन्य गेंदबाजों की कड़ी आलोचना भी की। उन्होंने कहा, ‘अश्विन ने शानदार भूमिका निभाई। पहली बार मैंने उसे लगातार अच्छी गेंदबाजी करते हुए देखा लेकिन मैं फिर से कहूंगा कि श्रीलंका की टीम कमजोर थी। मैंने केवल एंजेलो मैथ्यूज को ही अच्छा खेलते हुए देखा। वे पांच गेंदबाजों के साथ उतरे थे लेकिन पांच गेंदबाज कहां थे। वहां केवल एक गेंदबाज दिख रहा था।’
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