शांगरी-ला डायलॉग: मोदी बोले, भारत-चीन को साथ काम करने की जरूरत

सिंगापुर
सिंगापुर दौरे के दूसरे दिन पीएम मोदी ने शांगरी-ला डायलॉग में अपना संबोधन दिया। पीएम मोदी शांगरी-ला डायलॉग में संबोधन करने वाले पहले प्रधानमंत्री हैं। अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा, ‘एशिया और दुनिया का अच्छा भविष्य होगा, यदि भारत और चीन भरोसे और आत्मविश्वास के साथ मिलकर काम करें।’ पीएम मोदी की शी के साथ हुई अनौपचारिक बातचीत के बाद उनका यह कहना काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

मोदी ने कहा, ‘भारत और चीन आपसी मुद्दों को निपटाने और सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए काफी परिपक्वता दिखाई है।’ मोदी ने कहा कि एशिया की ‘प्रतिद्वंद्विता’ क्षेत्र को पीछे धकेल देगी, जबकि सहयोग इसे सही आकार देगा। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि आसियान देशों के साथ भारत के संबंध के ऐतिहासिक वर्ष के मौके पर यहां पहुंचकर मुझे बेहद खुशी हो रही है। जनवरी में हमारे गणतंत्र दिवस के मौके पर हमें आसियान देशों की मेहमाननवाजी का मौका मिला। यह समिट आसियान और ऐक्ट ईस्ट पॉलिसी के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का उदाहरण है।

ईस्ट की तरफ बढ़े भारतीय
पीएम मोदी ने कहा हजारों साल तक भारतीय पूर्व की तरफ बढ़े, यह सिर्फ उगते सूरज को देखने के लिए नहीं, बल्कि यह प्रार्थना करने के लिए कि इसकी रोशनी हमेशा दुनिया पर रहे। पीएम मोदी ने कहा, ‘सिंगापुर हमें दिखाता है कि जब महासागर खुला हो, समुद्र सुरक्षित हों, देशों का एक-दूसरे से कनेक्ट हो, कानून का पालन हो और देश चाहे छोटे हों या बड़े, संप्रभुता के तौर पर समृद्ध होते हैं। सिंगापुर हमें यह भी दिखाता है कि जब कोई देश सिद्धांतों के साथ खड़ा होता है, न कि किसी एक शक्ति या दूसरी शक्ति के पीछे, तो वह दुनिया का सम्मान प्राप्त करता है।’

पीएम मोदी ने कहा, ‘भारत के लिए सिंगापुर और ज्यादा है। यह एक भावना है, जो एक लॉयन नेशन को लॉयन सिटी से जोड़ती है। सिंगापुर हमारे लिए आसियान का स्प्रिंगबोर्ड है। पूर्व में प्रवेश के लिए सिंगापुर हमेश एक प्रवेश द्वार रहा है।’

मोदी ने कहा, ‘भारत के लिए कोई भी क्षेत्र इतनी तवज्जो नहीं पता है, जितनी यह पाता है। और यह सब अच्छे कारणों से। वैदिक काल से पहले से ही महासागरों का भारत के लिए अहम स्थान रहा है। वेदों में भारत की पहचान के लिए ‘उत्तरों यत समुद्रस्य’ का जिक्र किया गया है। इसका मतलब है, जिसकी सीमाएं उत्तर में समुद्र से मिलती हैं। मेरे गृह राज्य गुजरात में लोथल है। यह दुनिया के सबसे पुराने बंदरगाहों में से एक है।’

पीएम मोदी ने कहा कि हिंद महासागर ने भारत के इतिहास को आकार दिया है। यह भारत के भविष्य की कुंजी भी है। अब भारत के व्यापार और ऊर्जा का 90 प्रतिशत समुद्र पर ही निर्भर है। यह वैश्विक व्यापार की भी लाइफ लाइन है। मोदी ने बताया, ‘तीन साल पहले मॉरिशस में, हमने एक शब्द में अपना दृष्टिकोण रखा था। सागर (SAGAR) यह एक हिंदी शब्द है। यह क्षेत्र में सुरक्षा और तरक्की का भी मतलब है। हमारी ऐक्ट ईस्ट पॉलिसी के साथ यह शब्द और कारगर हो गया है।’

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