शराब के मसले पर स्वराज अभियान ने केजरीवाल सरकार को घेरा

सिन्धुवासिनी, दिल्ली
राहें जुदा होने के बाद कई मुद्दों पर प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव अपने पुराने साथी अरविंद केजरीवाल और दिल्ली सरकार को घेरते रहे हैं। आम आदमी पार्टी से अलग होकर बना स्वराज अभियान अब दिल्ली में शराब की दुकानें खोलने के लिए धड़ल्ले से लाइसेंस बांट रही केजरीवाल सरकार के खिलाफ लामबंद हो गया है।

हाल ही में एक आरटीआई अर्जी से खुलासा हुआ है कि केजरीवाल सरकार ने बीते सवा साल में शराब के 58 नए ठेकों को लाइसेंस दिया है। वही मद्य निषेध विभाग ने विज्ञापन पर सिर्फ 7.76 लाख रुपये खर्च किए हैं। इसे लेकर आम आदमी पार्टी विपक्षी दलों के निशाने पर तो है ही, उसके पुराने साथी भी उसके खिलाफ खुलकर सामने आ रहे हैं। इसी सिलसिले में कोटला मुबारकपुर के रिहायशी इलाके में शराब की दुकान खोलने के विरोध में स्वराज अभियान द्वारा जन सुनवाई कार्यक्रम आयोजित कराया गया। बुधवार शाम चार बजे वजीरनगर में हुए इस कार्यक्रम में स्थानीय लोगों ने भी हिस्सा लिया और अपनी समस्याएं सामने रखीं।


प्रशांत भूषण ने शराब के ठेकों के खिलाफ आंदोलन तेज करने को कहा

कुछ ही दिनों पहले वजीरनगर के रिहायशी इलाके के बीचोबीच और बस स्टॉप के सामने एक शराब की दुकान खुली थी। दुकान पर साफ शब्दों में लिखा है-गवर्नमेंट अप्रूव्ड लिकर शॉप और वजीरनगर की गली नंबर-3 में एंट्री करते ही सबसे पहले यह शॉप नजर आती है। यहां रहने वाले लोगों का कहना कि उन्हें इसकी वजह से तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कोटला की रहने वाली नीलम कहती हैं,’यहां बस स्टॉप पर औरतें आती-जाती हैं। हमें अपने बच्चों को छोड़ने आना-जाना पड़ता है। हालत यह हो गई है कि हमें दूसरी गली से जाना पड़ता है। अब तो हम मकान ही शिफ्ट करने की सोच रहे हैं।’

यह समस्या अकेले नीलम की नहीं है। स्थानीय निवासी राकेश मिश्रा भी यहां शराब की दुकान खुलने से खासे नाराज हैं। उन्होंने कहा,’हम इलाके के विधायक मदनलाल से मिलने गए। उन्होंने हमारी बात पर गौर करने के बजाय हमें ही चार बातें सुना दीं। उन्होंने कहा कि उनके पास 6 ठेके और खुलवाने की पावर है। जब हमने महिलाओं को होने वाली समस्या का जिक्र किया तो उन्होंने कहा कि महिलाएं तो खुद ही डिपार्टमेंटल स्टोर्स में जाकर ड्रिंक करती हैं। बच्चों का जिक्र करने पर उन्होंने कहा कि जब पैरंट्स घर में ही शराब पीते हैं तब क्या बच्चों को दिक्कत नहीं होती?’


जन सुनवाई में अपनी परेशानियां बताती एक स्थानीय महिला

हालांकि कस्तूरबा नगर के विधायक मदनलाल ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा मैं ठेके खुलवाने के पक्ष में बिल्कुल नहीं हूं। अब शराब की दुकान खुलवाने से पहले विधायक की मंजूरी लिया जाना जरूरी नहीं है और यह कानून पिछली सरकार के वक्त से है। मैंने खुद डेप्युटी कमिश्नर (एक्साइज) से मिलकर तीन ठेके बंद करवाए।’ आरटीआई द्वारा मिली जानकारी के बारे में पूछे जाने पर मदनलाल ने कहा कि वह इस पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे क्योंकि यह बात उनकी जानकारी से ऊपर की है।

मदनलाल ने प्रशांत भूषण और स्वराज अभियान के सदस्यों पर भी जुबानी हमला बोला। उन्होंने कहा, ‘प्रंशात जी जाने-माने वकील हैं। उन्हें कानूनी प्रक्रिया मालूम है लेकिन वह जमीन पर बैठकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं, जो शर्मनाक है। उन्हें पीआईएल दायर करनी चाहिए और एक ठेका ही क्यों, सभी ठेके बंद करवा देने चाहिए। ये लोग इस बहाने राजनीति में अपनी जगह बनाने की कोशिश कर रहे हैं।’

प्रशांत भूषण ने कहा कि पहले यह कानून था कि स्कूल, हॉस्पिटल और रिहायशी इलाके के 100 मीटर तक के दायरे में शराब की दुकान नहीं खोली जा सकती। 2010 में रिहायशी इलाके को इस नियम से हटा दिया गया और अब इसका फायदा केजरीवाल सरकार उठा रही है। उन्होंने कहा कि अगर लोग अपना आंदोलन और विरोध जारी रखें तो सरकार को जरूर झुकना पड़ेगा। आगे का रोडमैप पूछने पर प्रशांत भूषण ने कहा कि वह अपना आंदोलन तेज करेंगे।

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