शम्मी कपूर ने डांटा तो खूब रोई थीं सायरा बानो:दिलीप कुमार के साथ चाय पीने का वक्त तक नहीं निकाल पाईं तो छोड़ दी फिल्म इंडस्ट्री
|‘दिलीप साहब से शादी के बाद मैंने कई फिल्मों में काम किया। मैं सुबह-सुबह शूटिंग पर निकल जाती थी। एक वक्त ऐसा आया जब मैं काम में इतना बिजी हो गई कि दिलीप साहब के साथ सुबह एक कप चाय तक नहीं पी पाती थी। ऐसे में मुझे लगा कि अब बस बहुत हुआ और मैंने फिल्म इंडस्ट्री छोड़ने का फैसला ले लिया। अब दिलीप साहब के जाने के बाद उनके बिना फिल्मों में काम करना मेरे लिए मुमकिन नहीं।’ ये कहना है वेटरन एक्ट्रेस सायरा बानो का, जो आज अपना 80वां जन्मदिन मना रही हैं। सायरा ने 60 के दशक में हिंदी फिल्म इंडस्ट्री पर राज किया। 1966 में उन्होंने दिलीप कुमार से शादी कर ली और फिर 1988 में फिल्मों से रिटायरमेंट ले लिया। अब सायरा क्या कर रही हैं, दिलीप साहब के निधन के बाद उनकी जिंदगी कैसी है और 78 साल की उम्र में उन्होंने इंस्टाग्राम क्यों जॉइन किया था? जन्मदिन के मौके पर दैनिक भास्कर से खास बातचीत में सायरा बानो ने इन सभी सवालों के जवाब दिए… दिलीप साहब को बर्थ डे याद नहीं रहते थे दिलीप साहब के साथ हर दिन सेलिब्रेशन जैसा था। वो अक्सर जन्मदिन या एनिवर्सरी की तारीख भूल जाया करते थे। फैंस खास दिनों पर खूब फूल और गुलदस्ते भेजा करते थे, जिससे घर भर जाया करता था। फिर वो सुबह चाय पीते-पीते मुझसे पूछते थे कि सायरा आज क्या कोई खास दिन है? मैं भी उन्हें मुस्कुराते हुए कहती थी कि यूसुफ मियां (दिलीप कुमार) आज आपका बर्थ डे है, जब मेरा जन्मदिन होता था तो मैं कहती थी हां यूसुफ मियां आज शायद मेरा बर्थ डे है। ये सुनकर वो मुझसे सॉरी कहते और कार में बैठकर तुरंत शाहीन के पास जाते थे जो कि मेरी भतीजी है। शाहीन के साथ वो बाजार जाकर मेरे लिए गुलदस्ता और तोहफे में साड़ी या जोड़ा लेकर आते थे। ये हर साल का किस्सा था। पार्टियां भी होती थीं, लेकिन हम जन्मदिन को बहुत ही प्राइवेसी के साथ मनाना पसंद करते थे। दिलीप साहब का 89वां जन्मदिन हमने बहुत धूमधाम से मनाया था जिसमें राजेश खन्ना से लेकर विनोद खन्ना तक कई बड़े स्टार्स आए थे। मैं बस यादों के सहारे जिंदा हूं मैं बहुत प्राइवेट इंसान हूं, मैं बाहर नहीं जाती। मेडिटेशन से बहुत सुकून मिलता है। पहले जो जिंदगी रही है, अब उससे बहुत अलग माहौल है। अभी भी लोग मुझसे कहते हैं कि आपका जन्मदिन है, बाहर जाइए, लेकिन अब मुझे इससे खुशी नहीं मिलती। मेरे लिए जो यादें हैं, वही मेरे लिए सब कुछ हैं। जितनी भी जिंदगी है, वो उन यादों के सहारे ही है। जिंदगी बहुत अच्छी रही है। भगवान का शुक्र रहा है। अल्लाह ने मुझे इतना सब कुछ दे दिया, मेरी हर ख्वाहिश पूरी कर दी। दिलीप साहब के लिए इंस्टाग्राम जॉइन किया जुलाई 2023 में सायरा ने इंस्टाग्राम जॉइन किया था, जिस पर उनके अब तक 70K फॉलोअर्स हैं। सायरा ने सोशल मीडिया जॉइन करने की वजह बताते हुए कहा, ‘मेरे करीबियों ने मुझे सलाह दी कि दिलीप साहब से जुड़ी बेहतरीन यादें दुनिया से शेयर करने के लिए आपको सोशल मीडिया पर आना चाहिए। उनसे जुड़े ऐसे किस्से या यादें जो दुनिया नहीं जानती, वो आपको फैंस से शेयर करने चाहिए। मुझे भी ये बात अच्छी लगी। दिलीप साहब के इतने फैंस हैं कि पूछिए मत। उन्हें गए तीन साल बीत गए, इसके बावजूद लोग उनके लिए उपवास रखते हैं, उन्हें दुआओं में याद रखते हैं। मुझे और क्या चाहिए।’ जब दिलीप साहब ने देखकर कहा- अरे आप इतनी बड़ी हो गईं ‘सब जानते हैं कि दिलीप साहब मेरे साथ फिल्मों में काम नहीं करना चाहते थे। वो कहते थे कि मैं बहुत छोटी हूं, मुझे उन्होंने बड़े होते देखा तो वो इसके लिए तैयार नहीं थे कि मैं उनकी हीरोइन बनूं। उन्होंने मेरे साथ फिल्म ‘राम और श्याम’ में भी काम करने से मना कर दिया था और यही कहा था कि मैं बहुत छोटी लगती हूं। फिर 1966 में मेरे घर की हाउसवार्मिंग पार्टी थी। मुंबई में दिलीप साहब के घर के सामने ही मेरी मां नसीम बानो ने घर बनवाया।’ सायरा ने आगे कहा, ‘वो कहते हैं न कि ‘तेरे दर के सामने एक घर बनाऊंगा’। मेरी मां को ये बात पता थी कि मैं दिलीप साहब की दीवानी हूं तो उन्होंने पार्टी में दिलीप साहब को भी इनवाइट किया। उस वक्त वो राम और श्याम की शूटिंग चेन्नई में कर रहे थे और जब वो पार्टी में पहुंचे तो उन्होंने मुझे देखकर कहा कि अरे आप तो इतनी बड़ी हो गई हैं फिर मुझसे हाथ मिलाया। वो फोटो मैंने इंस्टाग्राम पर शेयर की थी जो कि मेरे दिल के बेहद करीब है।’ जब शम्मी कपूर ने लगा दी डांट, रो पड़ीं सायरा ‘जंगली’ में काम करने के दौरान मैं बहुत नई थी, स्कूल से पढ़कर निकली थी। मैं लंदन में पढ़ती थी और छुट्टियों में यहां आई थी। मैं आगे पढ़ना नहीं चाहती थी और न ही कॉलेज जाने का मन था। मैंने मां को बताया कि मुझे फिल्म ‘जंगली’ में काम करने का मौका मिल रहा है। ये सुनकर मेरी मां का दिल टूट गया, क्योंकि अन्य पेरेंट्स की तरह उनके भी ख्वाब थे कि मैं खूब पढूं और डॉक्टर-इंजीनियर बनूं, लेकिन मैंने साफ कह दिया कि मैं और नहीं पढ़ना चाहती। इसके बाद उन्होंने मुझे फिल्मों में काम करने की इजाजत दे दी। ‘जंगली’ का पहला शेड्यूल कश्मीर में हुआ। निशात बाग में ‘कश्मीर की कली हूं मैं’ गाने की शूटिंग के दौरान बहुत भीड़ इकट्ठा हो गई। शम्मी कपूर जी मेरे को-स्टार थे। मैं एक सीक्वेंस ठीक से नहीं कर पा रही थी। मैं भीड़ देखकर घबरा गई और रोने लगी। शम्मी जी ने सोचा कि वो सख्ती दिखाएंगे तो मुझमें थोड़ी हिम्मत आएगी और गुस्से का नाटक करते हुए मुझे डांट लगाते हुए कहा, ये क्या है, क्या है ये? इतनी शर्मीली हो तो घर पर जाकर बैठो। उनकी ये बात सुनकर मैं खूब रोई और फिर खुद को संभालते हुए अपना दुपट्टा कमर में कसा और पूरे कॉन्फिडेंस के साथ शॉट दिया। धर्मेंद्र से थी बेहतरीन बॉन्डिंग बेहतरीन को-स्टार्स के बारे में पूछने पर सायरा ने धर्मेंद्र, विनोद खन्ना, अमिताभ बच्चन का नाम लिया और कहा, धर्मेंद्र तो खुद को दिलीप साहब का छोटा भाई कहते थे। वो कहा करते थे कि हमारी माएं दूसरी हैं, लेकिन मैं दिलीप साहब के सगे भाइयों से भी बढ़कर हूं। मुझे उनके साथ काम करके बहुत मजा आता था। हम दोनों की बेहतरीन बॉन्डिंग इसलिए थी, क्योंकि हम दोनों ही दिलीप साहब के दीवाने हैं। अमिताभ बच्चन भी अच्छे को-स्टार थे। उनके साथ दो फिल्मों में काम किया, क्योंकि तब तक मैंने फिल्में छोड़ने का फैसला कर लिया था। ‘पूरब और पश्चिम’ में मनोज कुमार के साथ काम किया। उस वक्त मेरे लिए फिल्मों में काम करना मुश्किल हो रहा था इसलिए मैं इस फिल्म को नहीं करना चाहती थी। तब उन्होंने दिलीप साहब से इजाजत मांगी कि प्लीज मुझे ‘पूरब और पश्चिम’ में काम करने दें। मनोज कुमार ने यहां तक कहा था कि अगर मैं फिल्म में काम नहीं करूंगी तो फिल्म ही नहीं बनाएंगे। उनके कहने पर मैंने फिल्म में काम किया था। हालांकि, एक समय के बाद मेरे लिए ऐसा करना काफी मुश्किल हो रहा था। फिल्म की शूटिंग पर सुबह निकलती थी तो मैं दिलीप साहब के साथ बैठकर एक कप चाय पीने का वक्त भी नहीं निकाल पा रही थी। मुझे लगा कि ये ज्यादा हो रहा है इसलिए मैंने फिल्मों में काम न करने का फैसला किया। शाहरुख मेरे पसंदीदा एक्टर हैं मैं अब बहुत कम फिल्में देखती हूं। आयुष्मान खुराना की ‘दम लगा के हइशा’ देखी थी जिसमें उन्होंने कमाल का काम किया। शाहरुख खान बहुत अच्छे एक्टर हैं। वो मेरे सबसे पसंदीदा हैं। शाहरुख मुझे ‘कुछ कुछ होता है’ जैसी फिल्मों में बेहद पसंद आते हैं। उनकी पिछली रिलीज फिल्में ‘जवान’ और ‘पठान’ मैंने अब तक नहीं देखी है। दीपिका पादुकोण बहुत अच्छी लगती हैं, उन्हें मैंने शाहरुख के साथ ‘ओम शांति ओम’ में देखा था। ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ की थोड़ी सी झलक देखी थी जिसमें आलिया भट्ट ने बेहतरीन एक्टिंग की थी। इसके अलावा कटरीना कैफ भी बहुत अच्छी एक्ट्रेस हैं। प्रियंका चोपड़ा कमाल का काम करती हैं।