वेस्ट इंडीज 90 के दशक में हर बार सही भावना से नहीं खेली: लारा

लंदन
वेस्ट इंडीज के पूर्व कप्तान और दिग्गज बल्लेबाज ब्रायन लारा ने कहा कि उनकी टीम 90 के दशक में विश्व क्रिकेट में अपनी बादशाहत के बाद भी हमेशा सही भावना से नहीं खेलती थी। लारा ने यह बात लॉड्स में एमसीसी स्प्रिट ऑफ क्रिकेट लेक्चर के दौरान कही। लारा ने इस दौरान शीर्ष टीमों से खेल की अखंडता को बनाए रखने की अपील की है।

क्रिकइंफो ने लारा के हवाले से लिखा है, ‘विश्व की शीर्ष टीम पर पर खेल की अखंडता को बनाए रखने की जिम्मेदारी होती है। वह जब भी मैदान पर उतरते हैं तो खेल भावना को बनाए रखने की जिम्मेदारी हमेशा से उनको प्राथमिकता है।’

लारा का मानना है कि 1980 और 1990 में वेस्ट इंडीज के बेहतरीन रेकॉर्ड के बाद भी कई ऐसे मौके थे जब टीम ने अपनी रणनीतियों को लागू किया तो परिणाण वैसे रहे जैसे होने नहीं चाहिए थे। लारा ने 1989 में न्यू जीलैंड के खिलाफ खेली गई सीरीज का उदाहरण देते हुए कहा कि जब कोलिन क्रॉफ्ट से बहस के बाद माइकल होल्डिंग ने अंपायर को कंधा मार दिया था।

उन्होंने कहा, ‘मैं उस समय पैदा हुआ जब वेस्ट इंडीज का विश्व क्रिकेट में दबदबा था। 1980 से 15 साल तक वेस्ट इंडीज ने कभी टेस्ट सीरीज नहीं हारी थी। इसके बाद कोलिन क्रोफ्ट ने फ्रेड गुडाल के साथ किए गए दुर्व्यवहार के बारे में कुछ कहा, माइकल होल्डिंग ने सोचा की वह क्रिकेटर नहीं है बल्कि फुटबॉल खिलाड़ी हैं तो उन्होंने स्टम्प में किक मार दी। इस मामले का उस समय क्रिकेट पर बड़ा असर पड़ा था।’

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