विवादों में घिरे सांघी को हटा सकती है दिल्ली सरकार
|दिल्ली के उद्योग सचिव, विजिलेंस डायरेक्टर सहित कई अहम जिम्मेदारियां संभाल रहे चेतन बी सांघी से दिल्ली सरकार पीछा छुड़ाने का मन बना रही है। सांघी दिल्ली सरकार की ओर से नियुक्त किए गए DDCA जांच पैनल के मुखिया थे और उन्होंने अपनी जांच रिपोर्ट में दिल्ली क्रिकेट संघ में हुईं अनियमितताओं के लिए अरुण जेटली को जिम्मेदार नहीं ठहराया था। इसके बाद मंगलवार को सांघी की ओर से केंद्रीय गृह सचिव को लिखी एक चिट्ठी सार्वजनिक हुई, जिसमें उन्होंने कहा है कि उन पर कुछ लोगों के नाम जांच रिपोर्ट में डालने का दबाव पड़ रहा था, जिनमें एक वीवीआईपी भी शामिल हैं। इसके बाद राज्य सरकार ने उन्हें हटाने की तैयारी कर ली है, फिलहाल वह छुट्टी पर चल रहे हैं।
गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी की सरकार अरुण जेटली को DDCA अध्यक्ष के तौर पर 1999-2013 के उनके कार्यकाल के दौरान हुई गड़बड़ियों के लिए जिम्मेदार ठहरा रही है।
इसके पहले ऐंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने सांघी के खिलाफ कांग्रेस शासन में डीएसआईआईडीसी के सीएमडी के तौर पर कथित गड़बड़ियों के लिए दो केस दर्ज किए थे। शीला सरकार में कई औद्योगिक प्रॉजेक्ट्स को अमली जामा पहनाने वाले सांघी को उद्योग जगत की मांग पर केजरीवाल दिल्ली सरकार में लाए थे। सांघी को मई में उद्योग मंत्री सत्येंद्र जैन के खिलाफ मोर्चा खोल चुकीं प्रिंसिपल सेक्रेटरी (इंडस्ट्रीज) शकुंतला गैमलिन की जगह लाया गया था। केजरीवाल ने उन्हें डायरेक्टर विजिलेंस, सेक्रेटरी शहरी विकास सहित कई बड़े पद भी दिए थे।
बीजेपी नेता विजेंद्र गुप्ता ने मंगलवार को सांघी का पत्र जारी कर दावा किया कि विजिलेंस डायरेक्टर के तौर पर उन पर दबाव डाला गया कि डीडीसीए जांच में वित्त मंत्री अरुण जेटली का नाम शामिल करें। गुप्ता ने कहा कि इसे नहीं मानने पर ‘आप’ सरकार ने उन्हें परेशान करना शुरू कर दिया। सांघी ने इस बारे में पूछे गए किसी सवाल पर कोई टिप्पणी नहीं की और न ही इसकी पुष्टि की है कि दिल्ली सरकार उन्हें हटा सकती है।
एसीबी ने अगस्त में आरोप लगाया था कि सांघी ने नियम तोड़कर दिल्ली के करीब 400 इंडस्ट्रियल शेड्स को फ्री होल्ड किया। दिसंबर में एसीबी ने एक और केस दर्ज किया कि सांघी ने इंडस्ट्रियल एरिया के डिवेलपमेंट के पीपीपी मॉडल में नियमों से छेड़छाड़ की थी। हालांकि, सांघी ने दोनों आरोप सिरे से खारिज किए थे और राज्य सरकार भी उनके साथ खड़ी दिख रही थी। लेकिन, चिट्ठी के बाद खुद दिल्ली सरकार सकते में है। सूत्रों ने बताया कि सांघी ने हाल में केंद्र से गुजारिश की थी कि उनका यहां से ट्रांसफर कर दिया जाए। कुछ लोग इस लेटर को ऐसी ही किसी डील का हिस्सा बता रहे हैं।
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